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झालरों से जगमगाया बाजार, आया दीपावली का त्योहार

मुंगेर : पूरी तरह से छा गये हैं. चाइना निर्मित रंग-बिरंगे फूल-पत्ती वाली लाइट लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है. इसके बीच मिट्टी के दीये सिर्फ रस्म अदायगी बन कर रह गयी है. आधुनिकता के दौर में हर वर्ष लाइट की क्वालिटी बदलती जा रही है और पुरानी लाइट बेकार हो रही है. लोगों […]

मुंगेर : पूरी तरह से छा गये हैं. चाइना निर्मित रंग-बिरंगे फूल-पत्ती वाली लाइट लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है. इसके बीच मिट्टी के दीये सिर्फ रस्म अदायगी बन कर रह गयी है. आधुनिकता के दौर में हर वर्ष लाइट की क्वालिटी बदलती जा रही है और पुरानी लाइट बेकार हो रही है. लोगों का रुझान एलइडी के प्रति बढ़ गया है.

30 लाख से अधिक का होगा कारोबारशहर में सजावटी सामानों की दर्जनों दुकानें है. उम्मीद है कि इस वर्ष दीपावली को लेकर 30 लाख रुपये की खरीदारी होगी. इलेक्ट्रीक व्यवसायी शंकर प्रसाद ने बताया कि वॉल सेनेटरी, लाइट से बने पेड़- पौधे, ओम्, स्वास्तिक, जय माता दी, शुभ दीपावली, सजावटी गुलदस्ता, मिरची, फूल की लडि़यां, लाइट फोटो, राइस लाइट, मल्टी झालर, एलइडी सहित अन्य सजावटी सामानों को इस बार बाजार में उतारा गया है.

सजावटी सामानों पर इस बार महंगाई की मार पड़ गयी है. पिछले वर्ष से इस बार 10-15 फीसदी कर बढ़ोतरी हुई है. लाइट दे रहा पर्यावरण का संदेश इस बार सजावटी लाइट की दुकानों में पर्यावरण प्रेम से लोगों को लुभाने की कोशिश की जा रही है. लोगों को भी सजावटी पेड़- पौधे में लाइट, लीची लाइट, अंगूर लाइट, झरना लाइट, चेरी लाइट सहित अन्य प्रकार की लाइटें काफी भा रही है.

लाइट दुकानदार अशोक कुमार ने बताया कि लोग ऐसी लाइट काफी पसंद कर रहे हैं. जिसे वे साल भर तक अपने पूजा घरों व अन्य स्थानों पर सजा सकें. जैसे ही दूसरी दीपावली आती है वैसे ही एलइडी लाइटों की मांग बढ़ जाती है. खसकर रिमोट, डीजे व चकरी बल्व की मांग अधिक है.

शुभकारी है बंबू ट्री व लाफिंग बुद्धासजावटी फूल- पत्तियों के व्यवसायी अरविंद कुमार का कहना है कि सजावटी लाइट में में लट्टू झालर, पाइप झालर के अलावे पूजा स्थान या अपने टेबुल पर सजाने के लिए लोग भगवान कुबेर, बंबू ट्री व लाफिंग बुद्धा खरीदना शुभ मानते हैं.

जिसके कारण दीपावली के मौके पर इसकी बिक्री अचानक बढ़ जाती है. मोमबत्ती के कारोबार में आयी मंदीमोमबत्ती कारोबारी प्रमोद साव ने बताया कि चाइनिज बल्वों व सजावटी सामानों के दौर में अब मोमबत्ती के कारोबार में काफी मंदी आ गयी है.

पूर्व में जहां एक दिन में 10-15 हजार रुपये की मोमबत्ती बेच लेते थे. वहीं अब 5-8 हजार की मोमबत्ती बेचना भी मुश्किल हो गया है. पहले कारोबार को लेकर दीपावली का इंतजार रहता था. किंतु अब सिर्फ दीपावली मनाने का इंतजार रहता है.मिट्टी की दीपक बनी रस्म अदायगीफोटो संख्या : पंचमुखी दीया मुंगेर : एक ओर जहां बाजार में बिजली के सजावटी झालरों ने पूरी तरह कब्जा जमा लिया है. वहीं दूसरी ओर मिट्टी के दीये सिर्फ रस्म अदायगी बन गयी है.

इतना ही नहीं मिट्टी के दीये की बिक्री कम हो जाने के कारण कुम्हारों का रोजगार भी प्रभावित हुआ है. चुआबाग निवासी कुम्हार विसुन पंडित, प्रदीप पंडित, फकीरा पंडित व गोपाल पंडित ने बताया कि पहले महीनों से दीपावली के मौके पर दीये बनाये जाते थे. लाखों का कारोबार अब हजारों में तब्दील हो गया है.

अब तो सिर्फ पूजा के लिए दीपक व पंचमुखी दीया खरीदते हैं. जिसके कारण मिट्टी के दीये कम बनाते हैं. बाजार में सजावटी सामानों की कीमतसामान कीमतलाइट गणेश 200- 400 रुपयेझरना लाइट 1000- 1500 रुपयेबंबू ट्री 100- 450 रुपयेलाफिंग बुद्धा 20- 250 रुपयेमल्टी झालर 60- 150 रुपयेराइस लाइट 100- 150 रुपयेलाइट फोटो 150- 300 रुपयेशुभ दीपावली 150- 200 रुपयेजय माता दी 100- 150 रुपयेओम् 50- 150 रुपयेस्वास्तिक 50- 150 रुपयेसजावटी दीया 80- 150 रुपयेसजावटी मोमबत्ती 70- 100 रुपयेएलइडी लाइट 100- 450 रुपयेफूल की लडि़यां 10- 100 रुपयेवंदनवार 50- 450 रुपयेहार माला 20- 250 रुपयेडीजे बल्ब 80- 250 रुपयेचकरी बल्ब 60- 100 रुपयेरिमोट एलइडी झालर 200- 650 रुपयेरोप लाइट 800- 1200 रुपये

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