हर हाल में कायम रहे रूल ऑफ लॉ

मुंगेर : राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को प्रमंडलीय आयुक्त, पुलिस उपमहानिरीक्षक, जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया कि हर हाल में रूल ऑफ लॉ कायम रहे. पब्लिक ऑडर, लॉ एन ऑर्डर एवं क्राइम कंट्रोल सरकार की पहली प्राथमिकता है. वे पांचवीं बार राज्य का कमान संभालने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 21, 2015 9:54 PM

मुंगेर : राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को प्रमंडलीय आयुक्त, पुलिस उपमहानिरीक्षक, जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया कि हर हाल में रूल ऑफ लॉ कायम रहे. पब्लिक ऑडर, लॉ एन ऑर्डर एवं क्राइम कंट्रोल सरकार की पहली प्राथमिकता है.

वे पांचवीं बार राज्य का कमान संभालने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे. वीसी में उनके साथ राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर, गृह विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार राकेश, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार एवं अतिश चंद्रा जहां मौजूद थे.

वहीं मुंगेर से प्रमंडलीय आयुक्त लियान कुंगा, डीआइजी शिवेश्वर प्रसाद शुक्ला, प्रभारी जिलाधिकारी सह एडीएम ईश्वर चंद्र शर्मा, पुलिस अधीक्षक वरुण कुमार सिन्हा, रेल एसपी उमाशंकर प्रसाद मौजूद थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्थागत स्तर पर अपराधियों से निबटने के लिए स्पीडी ट्रायल का प्रावधान किया गया है. लेकिन हाल के दिनों में सजा के दर में कमी आयी है. जिला स्तर पर एक कमेटी है जिसमें जिला सत्र न्यायाधीश, जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक हैं.

ये लोग नियमित रूप से कांड दर कांड समीक्षा करें और उसके अनुरूप कार्रवाई की जाय. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में राज्य के मुख्य सचिव ने कहा कि ब्रेकिंग न्यूज के आधार पर त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए. संबंधित थाना एवं अन्य अधिकारियों का दायित्व बनता है कि वहां न्यूनतम समय में पहुंच कर कार्रवाई करें और सही तथ्य से मीडिया को भी वाकिफ करायें. जिससे अफवाह और भ्रम की स्थित नहीं रहे. कांड का अनुसंधान तटस्थता के साथ होना चाहिए.

क्राइम मीटिंग और पर्यवेक्षण कागजी स्तर पर सीमित नहीं रहे. भ्रष्टाचार के मामले को गंभीरता से लें. भ्रष्टाचार के मामले में थाना स्तर के साथ-साथ विभागीय कार्रवाई भी चलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि थाना स्तर पर विषयों से संबंधित एक पुस्तिका की तैयार की जानी चाहिए. जिसमें अपराध, अपराधी, विवाद के विषय, भूमि विवाद के प्रकार की जानकारी रहनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सूचना तंत्र सशक्त करें, अधिकारियों का चेहरा नहीं काम बोलना चाहिए.

यदि कोई किसी तथ्य को छिपाते हैं तो वह यह नहीं समझें कि सूचना उन तक नहीं पहुंचेगी. राज्य में 5 करोड़ लोग मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं. घटनाओं का दस्तावेजीकरण होना चाहिए. ताकि आने वाले अधिकारियों के लिए वह एक दिशा निर्देश का काम करे. इन लोगों ने निर्देश दिया कि जिला नियंत्रण कक्ष को प्रभावी बनाया जाय और वह काम करे. महिला के साथ घटित होने वाले आपराधिक मामलों में किसी भी प्रकार की शिथिलता नहीं बरतें.

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