मुंगेर : ठंड के दस्तक देते ही ऊनी कपड़ों से बाजार पूरी तरह गरम हो चुका है. अलग- अलग दुकानों में लोग जम कर ऊनी कपड़ों की खरीदारी कर रहे हैं. हाल यह है कि स्थायी दुकानों से अधिक अस्थायी फुटपाथी दुकानों पर खरीदारों की भीड़ उमड़ रही है.
खरीदारों की मानें तो उन्हें स्थायी दुकानों के मुकाबले फुटपाथी दुकानों पर काफी कम दामों में ही कपड़े उपलब्ध हो जाते हैं.आकर्षित कर रहे ऊनी कपड़े शहर में रेडिमेड दुकान से लेकर फुटपाथ पर गर्म कपड़ों का बाजार लगा हुआ है. फुटपाथ पर कहीं नीचे में तो कहीं खटिया लगा कर गर्म कपड़े बेचे जा रहे है.
गांधी चौक से लेकर राजीव गांधी चौक तक गर्म कपड़ों की दुकान लोगों को अनायास ही अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. इतना ही नहीं किला परिसर में भी कई फुटपाथी दुकानदार खरीदारों को ऊनी कपड़े खरीदने के लिए आकर्षित कर रहे हैं. इस बार बाजार में हर लोगों के लिए गरम कपड़े उतारे गये हैं. पॉकेट के हिसाब से लोग अपने और अपने परिवार के लिए गरम कपड़े खरीद रहे है.
रंग-बिरंगे रंगीन गरम कपड़े लोगों को लुभा रहे है. कपड़ों की खरीदारी के लिए गांव-देहात से भी लोग पहुंच रहे है. जो अपने मन मुताबिक गरम कपड़ों की खरीदारी कर रहे हैं. सौ रुपये से प्रारंभ है ऊनी कपड़ों का रेंज शहर में गरम कपड़ों की रेंज 100 रुपये से प्रारंभ है. 1000 रुपये तक में हर लोगों के लिए मन पसंद गरम कपड़े फुटपाथ पर मिल रहे हैं.
स्वेटर, जैकेट, अपर, लोअर, चीटर की खरीदारी के लिए दुकानों पर भीड़ लग रही है. जैसे-जैसे ठंड बढ़ रहा है वैसे-वैसे बाजार में कपड़ों की डिमांड भी बढ़ती जा रही है.किला के अंदर सजी है दुकान किला के मुख्य प्रवेश द्वार के समीप ही मुंगेर में गर्म कपड़ों की दुकान सजी है. जहां लोगों के लिए सभी तरह के गरम कपड़े टांग कर रखे गये हैं.
आधुनिक गरम कपड़ों की खरीदारी भी हो रही है. यहां हर तरह के लोगों की डिमांड पूरी की जा रही है. यहां तक कि डिमांड पर कपड़े तीसरे या चौथे दिन उपलब्ध कराया जा रहा है. इतना ही नहीं यहां गरीब तबके के लोगों का भी ख्याल रखा गया है.
विदेशों से आने वाली सेकेंडहेंड गर्म जायकेट व ओवरकोट का यहां अच्छा- खासा डिमांड है.लाखों का हो रहा कारोबार मुंगेर में ठंड बढ़ने के साथ ही गरम कपड़ों की बिक्री काफी बढ़ गयी है.
एक अनुमान के अनुसार प्रतिदिन लाखों रुपये का गरम कपड़ों का कारोबार हो रहा है. इतना ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों के दुकानदार भी बाजार से कपड़े ले जाकर सुदूरवर्ती गांवों में बेच रहे हैं. कहते हैं दुकानदार गर्म कपड़ों के व्यवसायी. मो शाहबुद्दीन ने बताया कि कोलकाता, लुधियाना, कश्मीर एवं दिल्ली से गरम कपड़े लाये जाते हैं.
ठंड बढ़ने के साथ कपड़ों की डिमांड बढ़ने लगी है. इस बार हर तबके लिए अलग- अलग दामों के कपड़े लगाये गया है. ताकि बाजार खरीदारी के लिए आने वाले उपभोक्ता बिना कपड़े खरीदे नहीं लौटे. उन्होंने कहा कि दिसंबर एवं जनवरी महीने में गरम कपड़ों का बाजार मजबूत स्थिति में रहता है.