दशकों ने नहीं हो पाया डोका पुल की सफाई, जलनिकासी बनी समस्या
दशकों ने नहीं हो पाया डोका पुल की सफाई, जलनिकासी बनी समस्या रेलवे तथा कई वार्डों के जल निकासी का है प्रमुख नालाफोटो संख्या : 22 एवं फोटो नाम के साथ फोटो कैप्सन : जमालपुर का डोका पुल प्रतिनिधि , जमालपुरनगर परिषद क्षेत्र के विभिन्न वार्डों तथा रेल कारखाना जमालपुर के दक्षिणी भाग के जल […]
दशकों ने नहीं हो पाया डोका पुल की सफाई, जलनिकासी बनी समस्या रेलवे तथा कई वार्डों के जल निकासी का है प्रमुख नालाफोटो संख्या : 22 एवं फोटो नाम के साथ फोटो कैप्सन : जमालपुर का डोका पुल प्रतिनिधि , जमालपुरनगर परिषद क्षेत्र के विभिन्न वार्डों तथा रेल कारखाना जमालपुर के दक्षिणी भाग के जल निकासी का प्रमुख नाला डोका पुल का पिछले एक दशक से सफाई नहीं हो पायी है. जिसके कारण छोटे नाले के पानी का निकासी नहीं हो पा ारहा. वहीं बारिश के दिनों में जमालपुर-धरहरा मुख्य सड़क मार्ग पर लगभग डेढ़ किलोमीटर तक जलजमाव की स्थिति बन जाती है. डोका पुल रेल इंजन कारखाना के दक्षिणी छोर जगदीशपुर तथा नयाटोला केशोपुर से सटा हुआ है डोका पुल. रेलवे के साथ ही नगर परिषद क्षेत्र के कई मुहल्लों के जल निकासी का बड़ा नाला इसी होकर गुजरती है. जगदीशपुर, नयाटोला केशोपुर, रामचंद्रपुर, लक्ष्मणपुर, नयाटोला फुलका, फुलका गुमटी तथा केशोपुर क्षेत्र के जलनिकासी का यही प्रमुख नाला है. पूर्व में नाले का पानी खेत होते हुए समीप के डकरा नाला में जा कर गिरता था. इसके कारण आसपास के लगभग सौ बीघा कृषि योग्य जमीन में सिंचाई भी हो जाती थी. कई बुजुर्ग बताते हैं कि इस नाला तथा पुल का निर्माण अंगरेजों द्वारा कराया गया था. तब जमालपुर-धरहरा मुख्य मार्ग पर स्थित डोका पुल की गहराई लगभग दस फुट हुआ करता था. रोड के पश्चिम ओर वहां एक छिलका बना हुआ था जो अभी भी विद्यमान है. परंतु डोका पुल का जो मुहाना लगभग दस फुट का होता था वह अब मात्र डेढ़ फुट ही बचा है, जिसके कारण इससे जुड़े छोटे नाले में पानी जमा रहना तथा मच्छरों का प्रकोप से लोग त्रस्त हैं. कहते हैं स्थानीय लोगस्थानीय लोगों ने नाले की साफ सफाई नहीं हो पाने के लिए रेलवे तथा नगर परिषद को जिम्मेवार ठहराया. लोगों का कहना है कि इसकी साफ सफाई ढंग से एक बार करवा दिया जाये तो कई वर्षों तक लगभग दस हजार की आबादी को जल जमाव से छुटकारा मिल जायेगा साथ ही समीप के सैकड़ों किसानों के खेतों की सिंचाई भी हो जायेगी.छोटी गोविंदपुर निवासी अंजय कुमार ने कहा कि डोका पुल की सफाई से पूरे बहियार के किसानों को सिंचाई सुविधा मिल जायेगी. रेलवे तथा नगर परिषद दोनों उदासीन बना हुआ है.पूर्व वार्ड पार्षद हृदय नारायण प्रसाद ने कहा कि कई स्थानों पर नाले की चौड़ाई लगभग 27 फुट तक मापा गया है. जबकि वर्तमान में पुल के पेट में लगभग आठ फुट गाद भरा हुआ है. पुल का मुंह लगभग दस फुट है परंतु अब मात्र डेढ़ फुट बचा है. वयोवृद्ध आर्य समाजी अंबिका प्रसाद ने कहा कि पिछले सत्तर वर्षों से पुल की सफाई नहीं की गई है. कई बार नगर परिषद से भी गुजारिश की गई, परंतु कोई फल नहीं निकला. जल्द सफाई कराया जाये. सुनील विश्वकर्मा ने कहा कि पिछले दशक में डोकापुल के निकट क्रशर उद्योग जोर शोर से चला था. जिसके डस्ट ने पुल को बरबाद कर दिया है. सफाई नहीं हो पाने के कारण फांड़ी से फुलका गुमटी तक बारिश के दिनों में दो से तीन फुट तक पानी जमा हो जाता है. फुटुस कुमार यादव ने कहा कि डोका पुल के बेस में ईंट का सोलिंग किया हुआ है. परंतु हमने तो अपने होश में कभी भी पुल की सफाई होते नहीं देखा है. रेलवे यदि पुल की सफाई करा दे तो कारखाना के जल निकासी की समस्या से भी निजात मिल जाये.कहते हैं वार्ड पार्षद वार्ड पार्षद अर्जुन दास ने कहा कि डोका पुल की सफाई एक दशक से नहीं हुई है. वे इसकी सफाई के लिए कई नगर परिषद बोर्ड में आवाज उठा चुके हैं. किंतु अबतक सफाई नहीं हो पायी. कहते हैं प्रभारी मुख्य पार्षद जमालपुर नगर परिषद के मुख्य पार्षद डॉ सत्यवती देवी ने कहा कि स्थानीय वार्ड पार्षद को इसके लिए बोर्ड में पहल करनी चाहिए. क्योंकि डोका पुल की सफाई बड़ी योजना है. वे शीघ्र ही इस मामले में कार्रवाई करेगी.