बंगला वद्यिालय में पढ़ते हैं रसोइया के बच्चे

बंगला विद्यालय में पढ़ते हैं रसोइया के बच्चे 16 वर्षों से विद्यालय में रसोइया का है अवैध कब्जा, शिक्षा विभाग बनी है मेक दर्शकफोटो संख्या : 8,9फोटो कैप्सन : बंगला उच्च प्राथमिक विद्यालय एवं स्कूल में अतिक्रमण प्रतिनिधि, मुंगेर ———–एक ओर जहां राज्य सरकार ” सबका साथ सबका विकास ” का नारा दे रही है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2015 9:26 PM

बंगला विद्यालय में पढ़ते हैं रसोइया के बच्चे 16 वर्षों से विद्यालय में रसोइया का है अवैध कब्जा, शिक्षा विभाग बनी है मेक दर्शकफोटो संख्या : 8,9फोटो कैप्सन : बंगला उच्च प्राथमिक विद्यालय एवं स्कूल में अतिक्रमण प्रतिनिधि, मुंगेर ———–एक ओर जहां राज्य सरकार ” सबका साथ सबका विकास ” का नारा दे रही है. वहीं दूसरी ओर मुंगेर में इस नारे को शिक्षा विभाग द्वारा ठेंगा दिखाया जा रहा है. शिक्षा विभाग द्वारा मुंगेर शहर में बंगला की पढ़ाई के लिए भले ही एक विद्यालय की स्थापना की गयी हो. किंतु विभागीय उदासीनता के कारण इन दिनों इस विद्यालय का लाभ सिर्फ एक परिवार तक ही सीमित हो कर रह गयी है. इतना ही नहीं उक्त परिवार के लिए तो यह विद्यालय अब पूरी तरह घर ही बन चुका है. नामांकित 18, उपस्थित मात्र 3पीपल पांती रोड स्थित बंगला उच्च प्राथमिक विद्यालय आज अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को विवश है. वर्ष 1986 में इस विद्यालय की स्थापना इस उद्देश्य से की गयी थी कि यहां पर बच्चों को अन्य विषयों के साथ- साथ बंगला विषय की भी शिक्षा मिले. किंतु विभागीय उदासीनता के कारण वर्तमान समय में विद्यालय की स्थिति बिल्कुल दयनीय हो गयी है. सत्र 2015-16 के लिए यहां कुल नामांकित बच्चों की संख्या 18 है. किंतु बुधवार को विद्यालय निरीक्षण के दौरान यहां मात्र 3 बच्चे ही उपस्थित पाये गये. बच्चों को पढ़ाने के लिए विभाग द्वारा एक शिक्षक को यहां पदस्थापित किया गया है.ड्यूटी से गायब थे शिक्षकबुधवार को दिन के एक बजे विद्यालय में शिक्षक मौजूद नहीं थे. किंतु विद्यालय खुली हुई थी. तीन बच्चे एक ही कक्षा में बैठे हुए थे. उस समय तक रजिस्टर में बच्चे की उपस्थिति भी दर्ज नहीं की गयी थी. वहां पर मौजूद रसोइया धर्मशीला देवी ने बताया कि मैडम बैंक गयी है. लगभग आधे घंटे के बाद विद्यालय की एक मात्र शिक्षिका सह प्रधानाध्यापिका विद्यालय पहुंची. विद्यालय में रसोइया का अवैध कब्जावैसे तो विद्यालय में कुल पांच कमरा है. किंतु उपयोग मात्र एक का ही हो रहा है. दो कमरे हमेशा बंद रहते हैं तथा दो में रसोइया धर्मशीला देवी ने सपरिवार अवैध कब्जा जाम रखी है. यह कब्जा कोई एक दो साल से नहीं, बल्कि पिछले 16 सालों से है. जो कि अब अपना पता में इसी विद्यालय को बताते हैं. विद्यालय के गेट पर ही उन्होंने एक चाय- नाश्ता की दुकान भी खोल रखी है. किंतु हैरत की बात तो यह है कि आज तक शिक्षा विभाग द्वारा इस अवैध कब्जे पर संज्ञान नहीं लिया गया. एक ही परिवार के पढ़ते हैं बच्चेविद्यालय में भले ही 18 बच्चे नामांकित हों. किंतु यहां सिर्फ एक ही परिवार के बच्चे पढ़ने आते हैं. ये बच्चे रसोइया के ही पोता- पोती हैं. बच्चों को विद्यालय से जोड़ने के लिए यहां के प्रधानाध्यापक द्वारा पहल नहीं किया जाता. जिसका खुलासा यहां के नामांकन पंजी से ही होती है. कहते हैं प्रधानाध्यापकप्रधानाध्यापिका छवि चक्रवर्ती ने कहा कि रसोइया अपने मन से ही विद्यालय में वर्षों से रह रही है. वह विद्यालय का देख भाल भी करती है. उसके रहने से विद्यालय सुरक्षित रहता है. यहां जो भी बच्चे नामांकित हैं वह विद्यालय आना नहीं चाहते. जब कभी पोशाक व छात्रवृत्ति की राशि बटती है. तभी बच्चे विद्यालय में नजर आते हैं.

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