27 हजार मिट्रीक टन लक्ष्य, 27 ग्राम की भी नहीं हो सकी खरीदारी

27 हजार मिट्रीक टन लक्ष्य, 27 ग्राम की भी नहीं हो सकी खरीदारी बोनस पर सरकार की हां या न की पेच में फंसा धान अधिप्राप्ति का मामला धान में नमी के कारण पैक्स नहीं खरीद रहा धान फोटो इमेजिंग लगाना है प्रतिनिधि, मुंगेर मुंगेर में धान अधिप्राप्ति का मामला अधर में लटक गया है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2015 10:03 PM

27 हजार मिट्रीक टन लक्ष्य, 27 ग्राम की भी नहीं हो सकी खरीदारी बोनस पर सरकार की हां या न की पेच में फंसा धान अधिप्राप्ति का मामला धान में नमी के कारण पैक्स नहीं खरीद रहा धान फोटो इमेजिंग लगाना है प्रतिनिधि, मुंगेर मुंगेर में धान अधिप्राप्ति का मामला अधर में लटक गया है. सरकार ने 27 हजार मिट्रीक टन धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है. लेकिन अबतक खरीदारी प्रारंभ नहीं हो सकी है. जबकि पैक्स एवं व्यापार मंडल के बीच 25 करोड़ रुपया भी आवंटित कर दिया गया है. किसानों को बिचौलिया से बचाने के लिए सरकार खुद किसानों से धान की खरीदती है. इसके लिए हर जिला को एक लक्ष्य दिया जाता है और सरकार सीधे धान की खरीद करती है. जिसके लिए सरकार द्वारा तय राशि किसानों को सीधे उसके खाते के माध्यम से दिया जाता है. इतना ही नहीं हर क्विंटल पर किसानों को सरकार बोनस भी देती है. जिसके कारण किसानों को सरकार के पास धान बेचने में सीधा फायदा होता है. लेकिन धान खरीदारी करने के निर्देश के बावजूद आज तक किसान अपना धान बेचने के लिए पैक्स एवं व्यापार मंडल तक नहीं पहुंच रहे. जबकि असरगंज, तारापुर, खड़गपुर क्षेत्र से प्रतिदिन दर्जन भर ट्रक पर व्यापारी धान खरीद कर बाहर ले जा रहे हैं. पैक्स खरीदेगा 23 हजार मिट्रिक टन धान जिला सहकारिता विभाग को 23 हजार 400 मिट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य दिया गया है. विभाग जिले के 65 पैक्स एवं 1 व्यापार मंडल के माध्यम से धान खरीद की कार्रवाई प्रारंभ कर दी है. लेकिन धान बेचने के लिए किसान पैक्स तक नहीं पहुंच रहे हैं. अबतक एक चुटकी धान की खरीद नहीं हो पायी है. एसएफसी को भी दिया गया लक्ष्य जिले में धान खरीद के लिए सरकार ने एसएफसी को भी लक्ष्य दिया है. इस विभाग को 3 हजार 600 मिट्रिक टन धान अधिप्राप्ति करना है. एसएफसी मुंगेर सफियाबाद, खड़गपुर एवं तारापुर स्थित अपने सेंटर पर धान की खरीदारी करेगी. लेकिन आज तक सेंटर चालू नहीं हो पाया. सरकार की हां-न में फंसा मामला बताया जाता है कि किसानों द्वारा धान अब तक नहीं बेचा जा रहा है. जिसके पीछे कई पेंच है. पहला पेंच है कि पैक्स तभी किसानों से धान की खरीदेंगी जब धान की नमी 17 प्रतिशत होगी. लेकिन वर्तमान में धान की नमी 22 से 24 प्रतिशत है. जिसके कारण पैक्स धान खरीद नहीं कर रही है. इतना ही नहीं सरकार ने 1410 रुपये प्रति क्विंटल धान की राशि तय की है. लेकिन बोनस की राशि अब तक तय नहीं किया है. कहा जा रहा है कि पिछले वर्ष प्रति क्विंटल 300 रुपये बोनस दिया जाता था. लेकिन इस बार अबतक सरकार न तो बोनस देने की घोषणा की है और न ही बोनस नहीं देने की घोषणा की है. जिसके कारण किसान बोनस के इंतजार में अब तक धान बेचने के लिए केंद्र पर नहीं पहुंच रहे है. 26 हजार मिट्रिक टन की हुई थी खरीद वित्तीय वर्ष 2014-15 में मुंगेर जिले को 20 हजार एमटी धान खरीद का लक्ष्य दिया गया था. जिसके एवज में जिला ने 26 हजार एमटी धान की खरीद की थी. जिसके बाद धान की कुटाई कर चावल को एसएफसी को दे दिया गया था. इस पर 1 अरब 26 करोड़ रुपये खर्च किया गया था. संशय में हैं किसान पिछले वर्ष तारापुर एवं संग्रामपुर में किसानों को राशि मिलने में काफी दिक्कत हुई थी. संग्रामपुर में तो किसानों ने जम कर हंगामा किया था. जिसके कारण विधि व्यवस्था की समस्या तक उत्पन्न हो गयी. बाद में जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के हस्तक्षेप से किसानों को धान का मूल्य दिया गया. एक कारण यह भी है कि किसान धान सरकार के पास नहीं बेचना चाहती है. किसानों का कहना है कि व्यापारी तत्काल ही राशि देती है. लेकिन सरकार राशि देने में खूब आना-कानी करते है. सरकार राशि तत्काल उपलब्ध कराये तो किसान धान बेचेंगे. डेढ़ लाख एमटी धान की हुई उपज जिला कृषि पदाधिकारी केके वर्मा ने बताया कि जिले के 33 हजार हेक्टेयर भूमि में धान की फसल लगायी गयी थी. जिससे लगभग 1.50 लाख मिट्रिक टन धान की उपज हुई है. 25 करोड़ रुपया किया आवंटित जिला सहकारिता पदाधिकारी कृष्णा चौधरी ने कहा कि सरकार से 25 करोड़ रुपये आवंटन की अनुमति प्राप्त हो गयी है. जबकि मुंगेर-जमुई सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के माध्यम से पैक्स एवं व्यापार मंडल के खाते में 25 करोड़ रुपये दे दिया गया. किसान अगर धान पैक्स में देते है तो तुरंत किसानों के खाते में राशि चली जायेगी.

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