हर मौसम में रहती है बेचैनी
मुंगेर : मुंगेर शहर के मध्य स्थित बेटवन बाजार अड़गरा में पिछले पांच दशक से रहने वाले महादलितों को सामान्य नागरिक सुविधा उपलब्ध नहीं है. रहने के लिए मिट्टी व ईंट के दीवार पर प्लास्टिक व डिस्को चटाई की व्यवस्था है तो पीने के लिए जो चापाकल लगाये गये हैं उससे गंदा पानी निकलता है. […]
मुंगेर : मुंगेर शहर के मध्य स्थित बेटवन बाजार अड़गरा में पिछले पांच दशक से रहने वाले महादलितों को सामान्य नागरिक सुविधा उपलब्ध नहीं है. रहने के लिए मिट्टी व ईंट के दीवार पर प्लास्टिक व डिस्को चटाई की व्यवस्था है तो पीने के लिए जो चापाकल लगाये गये हैं उससे गंदा पानी निकलता है. यूं तो समरसेबल लगा प्याऊ की व्यवस्था की गयी है. किंतु जल निकासी नहीं होने से पूरा क्षेत्र पानी व गंदगी से तर-बतर रहता है.
मुंगेर शहर के महापौर कुमकुम देवी के मुहल्ले में स्थित इन महादलितों को आजादी के बाद अबतक विकास का लाभ नहीं मिल पा रहा. आजादी के बाद टाटा कंपनी द्वारा समाज के अंतिम तबके के गरीब एवं नि:सहाय लोगों के लिए यहां भूमि व आवास की व्यवस्था की गयी थी. लेकिन इसका रखरखाव सही ढंग से नहीं हुआ और अब यह झुग्गी-झोपड़ी का शक्ल धारण कर चुका है. बदहाली यह है कि सरकार भले ही महादलितों के लिए घोषणा पर घोषणाएं कर रही हो लेकिन राशन-किरासन का लाभ भी बहुतों को नहीं मिल रहा.