किसानों को ठगने वाले कृषि यंत्र विक्रेता पर कब होगी कार्रवाई

मुंगेर : कृषि मेले में किस तरह किसानों को अत्याधुनिक यंत्र के नाम पर विक्रेता द्वारा जालसाजी की जाती है और विभागीय अधिकारी मौन बने बैठे रहते हैं इसका जीता जागता उदाहरण है तारापुर प्रखंड के परसा गांव निवासी किसान केशो सिंह. जिन्हें कृषि यंत्र विक्रेता ने गलत समान देकर ठग लिया. जिला कृषि पदाधिकारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2015 6:31 AM

मुंगेर : कृषि मेले में किस तरह किसानों को अत्याधुनिक यंत्र के नाम पर विक्रेता द्वारा जालसाजी की जाती है और विभागीय अधिकारी मौन बने बैठे रहते हैं इसका जीता जागता उदाहरण है तारापुर प्रखंड के परसा गांव निवासी किसान केशो सिंह. जिन्हें कृषि यंत्र विक्रेता ने गलत समान देकर ठग लिया.

जिला कृषि पदाधिकारी से लेकर केंद्रीय कृषि मंत्रालय तक गुहार लगाने में पांच साल गुजर गये और अब जिला पदाधिकारी मुंगेर द्वारा इस मामले की जांच के लिए अधिकारियों की त्रि-सदस्यीय कमेटी बनायी गयी है.

क्या है मामला
तारापुर प्रखंड के लौना परसा गांव निवासी किसान केशो सिंह ने वर्ष 2011 में कृषि विभाग द्वारा आयोजित किसान मेला में 14.06 एचपी का पावर ट्रेलर अनुदान के तहत 87 हजार रुपया देकर सरकारी अधिकृत विक्रेता कृषि केंद्र पुरबसराय से प्राप्त किया था.
परंतु विक्रेता ने 13.05 एचपी का पावर ट्रेलर हस्तगत करा दिया था. इसकी जानकारी कई बार कृषि विभाग के पदाधिकारी को दिया गया. अधिकारियों के कहने पर केशो सिंह पावर ट्रेलर को कृषि केंद्र पूरबसराय को वापस कर दिया. विभागीय आदेश का 4 वर्ष बीतने के बावजूद भी उसे अबतक 14.06 एचपी का पावर ट्रेलर नहीं दिया गया.
केंद्रीय कृषि मंत्री को लिखा पत्र
स्थानीय अधिकारियों द्वारा न्याय नहीं मिलने के बाद किसान केशो सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री को पत्र भेज कर अपनी व्यथा से अवगत कराया. उसने कहा कि कर्ज लेकर मशीन के लिए राशि का भुगतान किया था. परंतु आज तक मेरे द्वारा किये गये पत्राचार एवं प्रयास का कोई समाधान नहीं हो पाया है.
जिस कारण मैं मानसिक, शारीरिक व आर्थिक रूप से परेशान हूं. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा अधिकृत विक्रेता द्वारा मेरे ही तरह कई किसानों के साथ धोखाधड़ी एवं ठगी किया गया है जो जांच का विषय है. उन्होंने जांच कर पावर ट्रेलर दिलाने की मांग की.
पांच साल बाद बनी जांच कमेटी
जिला पदाधिकारी अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने मामले की गंभीरता को लेते हुए 19 दिसंबर 2015 को वरीय उप समाहर्ता स्तर के पदाधिकारी का तीन सदस्यीय कमेटी बनायी है. जिसमें डीआरडीए के निदेशक अमजद अली, वरीय उपसमाहर्ता प्रतिभा कुमारी एवं जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी मो. खिलाफत अंसारी शामिल है. जिलाधिकारी ने कमेटी को निर्देश दिया कि मामले की संयुक्त रूप से जांच कर सम्यक जांच प्रतिवेदन जिला विकास शाखा को उपलब्ध करायें. उन्होंने कहा कि इस समस्या को शीघ्र से शीघ्र हल करना होगा, ताकि किसानों को परेशानी न हो.

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