जर्जर किराये के मकान में चल रहा गव्य विकास विभाग
जर्जर किराये के मकान में चल रहा गव्य विकास विभाग फोटो संख्या : 3फोटो कैप्सन : गव्य विकास विभाग का कार्यालय प्रतिनिधि, मुंगेर मुंगेर में गव्य विकास कार्यालय जर्जर किराये के मकान में चल रहा है. यहां कुल कर्मचारियों का स्वीकृत पद 11 है. जबकि मात्र 3 कर्मचारी ही कार्यरत हैं. डेयरी फिल्ड ऑफिसर जहां […]
जर्जर किराये के मकान में चल रहा गव्य विकास विभाग फोटो संख्या : 3फोटो कैप्सन : गव्य विकास विभाग का कार्यालय प्रतिनिधि, मुंगेर मुंगेर में गव्य विकास कार्यालय जर्जर किराये के मकान में चल रहा है. यहां कुल कर्मचारियों का स्वीकृत पद 11 है. जबकि मात्र 3 कर्मचारी ही कार्यरत हैं. डेयरी फिल्ड ऑफिसर जहां लेखांकन का कार्य करता है वहीं टंकण लिपिक अपने मूल काम के अतिरिक्त चतुर्थवर्गीय कर्मचारी का भी सभी काम निबटाता है. विभाग में नहीं है एक भी परिचारी गव्य विकास विभाग का दुर्दशा यह है कि यहां परिचारी के दो पद स्वीकृत हैं. लेकिन उनमें एक भी परिचारी यहां कार्यरत नहीं हैं. जिसके अभाव में कार्यालय की साफ-सफाई से लेकर बाहरी कार्य भी समुचित ढंग से नहीं हो पाता है. इसके बदले में टंकण लिपिक को ही डाक निष्पादन व फाइलों को इधर-उधर करना पड़ता है. पदस्थापना मुंगेर, कार्यरत भागलपुर बताया जाता है कि पशुधन सहायक के कुल 4 पद हैं. जिसमें एक पशुधन सहायक रमेश प्रसाद का मूल पदस्थापन मुंगेर गव्य विकास विभाग में है जो प्रतिनियोजित पर भागलपुर में कार्यरत हैं. इसके अतिरिक्त तीन पद रिक्त पड़ा हैं. जिसके कारण मुंगेर में एक भी पशुधन सहायक वर्तमान में कार्यरत नहीं हैं. लेखांकन का काम करते हैं डीएफओ डेयरी फिल्ड ऑफिसर (डीएफओ) निरंजन कुमार निराला फिल्ड ऑफिसर के साथ-साथ कार्यालय में लेखांकन का भी काम करते हैं. जबकि मुंगेर जिले के नौ प्रखंडों के कार्य का देखरेख इन्हीं के हवाले है. साथ ही प्रखंड के किसानों को गाय संबंधी जानकार भी उपलब्ध कराते हैं. कहते हैं गव्य विकास पदाधिकारी गव्य विकास पदाधिकारी अशोक कुमार का कहना है कि यहां कर्मचारियों का टोटा है. इसके लिए विभाग को भी लिखित सूचना दी गयी है. लेकिन अबतक कर्मचारियों को बहाल नहीं किया गया है.