पशु अस्पताल का क्वार्टर जर्जर, नहीं रहते कर्मचारी

पशु अस्पताल का क्वार्टर जर्जर, नहीं रहते कर्मचारी फोटो संख्या : 7फोटो कैप्सन : जर्जर क्वार्टर प्रतिनिधि, मुंगेर ————जिला पशुपालन विभाग का क्वार्टर जर्जरता का दंश झेल रहा है. आलम यह है कि जर्जर क्वार्टर के कारण कोई भी कर्मियों को क्वार्टर का लाभ नहीं मिल पा रहा है और सभी कर्मी स्थानीय होने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 6, 2016 7:17 PM

पशु अस्पताल का क्वार्टर जर्जर, नहीं रहते कर्मचारी फोटो संख्या : 7फोटो कैप्सन : जर्जर क्वार्टर प्रतिनिधि, मुंगेर ————जिला पशुपालन विभाग का क्वार्टर जर्जरता का दंश झेल रहा है. आलम यह है कि जर्जर क्वार्टर के कारण कोई भी कर्मियों को क्वार्टर का लाभ नहीं मिल पा रहा है और सभी कर्मी स्थानीय होने के कारण अपने घर पर ही रहते हैं. पशु अस्पताल में रहते हैं चिकित्सक बताया जाता है कि पशु शल्य चिकित्सक एवं कनीय पशु चिकित्सा पदाधिकारी पशु अस्पताल में रहते हैं. पशु अस्पताल में ही फर्स्ट फ्लोर पर बिजली, पानी एवं शौचालय की व्यवस्था है. पुराने वाले क्वार्टर में न तो बिजली की सुविधा है और न ही पेयजल व शौचालय की. जिसके कारण पुराना क्वार्टर खाली पड़ा है. कर्मचारियों का क्वार्टर है जर्जर पशुपालन विभाग के चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के लिए पांच क्वार्टर की व्यवस्था है. वह भी जर्जर हो चुका है और दरारें आ चुकी है. वर्तमान में इस क्वार्टर में न तो कोई कर्मी रहते हैं और न ही इसमें पेयजल, बिजली व शौचालय की व्यवस्था है. बताया जाता है कि सभी कर्मचारी स्थानीय है और यही कारण है कि क्वार्टर में कोई कर्मचारी नहीं रहते. र्क्वाटर में रहते हैं सेवानिवृत्त कर्मी जिला पशु अस्पताल के सरकारी क्वार्टर में सेवानिवृत्ति के बाद भी कर्मचारी कब्जा जमाये हुए है. पशुपालन विभाग के प्रधान लिपिक मटुकदेव प्रसाद वर्ष 2013 में सेवानिवृत्त हो गये. बावजूद वे अबतक सरकारी क्वार्टर में रह रहे. अलबत्ता यह कि विभाग के अधिकारी कहते हैं कि वे शास्त्री नगर में अपना मकान बना रहे. मकान बनते ही वे सरकारी क्वार्टर को छोड़ कर अपने निजी भवन में चले जायेंगे. क्वार्टर में है भंडार गृह बताया जाता है कि भवन के अभाव में क्वार्टर को दवा भंडार गृह बनाया गया है. जिसे मॉडीफाइड किया गया है और दवा खरीद होने पर उसी भंडार गृह में दवा को रखा जाता है. दवा रखने के कोई विशेष व्यवस्था या स्टॉक रूम नहीं है. जिसके कारण जर्जर क्वार्टर का ही उपयोग दवा को रखने में किया जा रहा है. कहते हैं पशु शल्य चिकित्सक पशु शल्य चिकित्सक डॉ भानू शंकर ने बताया कि बड़ा बाबू मटुकदेव प्रसाद रिटायर कर चुके हैं. वे अपना नया घर शास्त्री नगर में बना चुके हैं और दो-चार दिनों में क्वार्टर खाली कर चले जायेंगे.

Next Article

Exit mobile version