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सांस की तकलीफ से डेढ़ माह में 7 मरीजों की मौत, 151 मरीज हुये भर्ती

जनवरी माह के मात्र 20 दिनों में ही सांस की तकलीफ के 48 मरीज भर्ती हुये हैं.

– दिसंबर में सांस की तकलीफ के 103 तथा जनवरी के 20 दिनों में भर्ती हुये हैं 48 मरीज मुंगेरमुंगेर की हवा किस कदर जहरीली होती जा रही है. इसका अंदाजा केवल इसी बात से लगाया जा सकता है कि मात्र डेढ़ माह में सदर अस्पताल में सांस की तकलीफ के कुल 151 मरीज भर्ती हुये. जबकि इन डेढ़ माह में सांस की तकलीफ के 7 से अधिक मौत हो चुकी है. जिसमें 5 मरीजों की उम्र 60 साल से अधिक है.

डेढ़ माह में भर्ती हुये सांस की तकलीफ के 151 मरीज

बता दें कि बढ़ते वाहनों के दवाब के कारण मुंगेर का एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरे के निशान पर पहुंच गया है. हाल यह है कि सदर अस्पताल में दिसंबर 2024 से जनवरी 2025 के मात्र डेढ़ माह में सांस की तकलीफ के कुल 151 मरीज भर्ती हो चुके हैं. जिसमें दिसंबर 2024 माह में जहां सांस की तकलीफ के कुल 103 मरीज इलाज के लिये भर्ती हुये. वहीं जनवरी माह के मात्र 20 दिनों में ही सांस की तकलीफ के 48 मरीज भर्ती हुये हैं. जिसमें अधिकांश वृद्ध और बच्चे शामिल हैं. जबकि प्रतिदिन सदर अस्पताल के इमरजेंसी और ओपीडी में सांस की तकलीफ के दर्जनों मरीज पहुंच रहे हैं.

डेढ़ माह में सांस की तकलीफ से 7 मरीज की मौत

सदर अस्पताल में डेढ़ माह में जहां सांस की तकलीफ के 151 मरीज भर्ती हुये हैं. वहीं इस दौरान 7 मरीजों की मौत हो चुकी है. जिसमें 5 मरीजों की उम्र 60 साल से अधिक है. 19 जनवरी को 40 वर्षीय मिंटू मंडल, 15 जनवरी को 65 वर्षीय विश्वेश्वरी देवी, 6 जनवरी को 72 वर्षीय लक्ष्मी देवी, 5 जनवरी को 55 वर्षीय नेपाली मंडल, 30 दिसंबर को 75 वर्षीय रधुवीर तांती, 28 दिसंबर को 70 वर्षीय सहदेव मंडल तथा 27 दिसंबर को 75 वर्षीय निबिशा की मौत सांस की तकलीफ से हो गयी है.

खतरे के निशान पर मुंगेर की हवा

वैसे तो अबतक देश के बड़े शहर की प्रदूषण की परेशानी को झेल रहे थे, लेकिन वाहनों के बढ़ते दवाब, जगह-जगह योजनाओं के नाम पर हो रही खुदाई, शहर की सड़कों पर फैले कचरों के कारण अब मुंगेर की हवा भी खतरे के निशान के पास पहुंच गयी है. बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार 0 से 51 एक्यूआई को बेहतर, 51 से 101 को अच्छा, 101 से 151 को खराब, 151 से 200 को संवेदनशील तथा 200 से 300 एक्यूआई को खतरनाक माना गया है. ऐसे में मुंगेर में बढ़ रहे वायु प्रदूषण के बीच एक्यूआई इंडेक्स 200 से अधिक पहुंच जाना काफी खतरनाक हो गया है. हाल यह है कि लगभग एक सप्ताह से मुंगेर का एक्यूआई इंडेक्स इसी स्तर पर चल रहा है.

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