दही चूड़ा व खिचड़ी के साथ संपन्न हुआ मकर संक्रांति का त्योहार
दही चूड़ा व खिचड़ी के साथ संपन्न हुआ मकर संक्रांति का त्योहार प्रतिनिधि, मुंगेरदही, चूरा व खिचड़ी के साथ शुक्रवार को मकर संक्रांति का त्योहार संपन्न हो गया. जिले के विभिन्न क्षेत्रों में श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के मौके पर स्नान दान व पूजा अर्चना कर अपने परिवार के सलामती की कामना की. साथ ही […]
दही चूड़ा व खिचड़ी के साथ संपन्न हुआ मकर संक्रांति का त्योहार प्रतिनिधि, मुंगेरदही, चूरा व खिचड़ी के साथ शुक्रवार को मकर संक्रांति का त्योहार संपन्न हो गया. जिले के विभिन्न क्षेत्रों में श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के मौके पर स्नान दान व पूजा अर्चना कर अपने परिवार के सलामती की कामना की. साथ ही एक दूसरे को दही-चूरा व खिचड़ी के दावत पर भी आमंत्रित किया.गंगा घाटों पर लगी रही भीड़शुक्रवार करे अहले सुबह से ही कष्टहरणी घाट, बबुआ घाट, सोझी घाट सहित अन्य घाटों पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान कर सर्वप्रथम भगवान भास्कर को तिल व गुड़ अर्पण कर अपने परिवार को सदैव उर्जावान बनाये रखने की कामना की. वहीं महिला श्रद्धालुओं द्वारा अपने से छोटे के बीच तिल, गुड़ व चावल से बनी प्रसाद का वितरण किया गया गया. महिलाएं प्रसाद वितरण के दौरान ‘ तिले- तिले बोध ‘ दिये जाने का वचन भी मांग रही थी.व्यंजनों का लिया स्वादमकर संक्रांति का नाम मात्र लेने से ही लोगों को दही- चूरा की याद आ जाती है. स्नान- दान व पूजा- अर्चना के बाद लोगों ने जम कर दही- चूरा का स्वाद लिया. सामान्य दिनों के भांति मकर संक्रांति के दिन दही- चूरा के साथ विभिन्न प्रकार के व्यंजन परोसे गये. जिसमें तिलकुट, तिलवा, घीबर, सोहन पापड़ी व स्वादिष्ट सब्जियों को प्रमुखता दी गयी. लोगों ने अपने खाने के साथ- साथ अपने पड़ोसियों, रिश्तेदारों व दोस्तों को भी भोजन कराया. वहीं रात्रि में लोगों ने नवान्य से बनी खिचड़ी का भी आनंद लिया.