संतमत सत्संगियों ने मनायी गुरु गोविंद सिंह की जयंती

जमालपुर : संतमत सत्संग आश्रम नयागांव में शनिवार को सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की जयंती समारोहपूर्वक मनायी गयी. इस मौके पर पुष्पांजलि, माल्यार्पण, गुरुवाणी पाठ, भजन, प्रवचन तथा लंगर का आयोजन किया गया. संत मत के स्वामी नरेंद्र बाबा तथा स्वामी गुरुदेव बाबा ने अपने प्रवचन में कहा कि गुरु गोविंद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2016 3:17 AM

जमालपुर : संतमत सत्संग आश्रम नयागांव में शनिवार को सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की जयंती समारोहपूर्वक मनायी गयी. इस मौके पर पुष्पांजलि, माल्यार्पण, गुरुवाणी पाठ, भजन, प्रवचन तथा लंगर का आयोजन किया गया. संत मत के स्वामी नरेंद्र बाबा तथा स्वामी गुरुदेव बाबा ने अपने प्रवचन में कहा कि गुरु गोविंद सिंह का जन्म बिहार के पटना में हुआ था.

गुरु गोविंद जी महाराज हमेशा ही सत्धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने के लिए तत्पर रहते थे. वे सिख धर्म के दसवें एवं अंतिम गुरु थे. इससे पहले सिखों के दो गुरु हुए. बचपन में गुरु गोविंद सिंह जी महाराज का नाम गोविंद राम था. गुरु तेग बहादुर की शहादत के उपरांत मात्र नौ वर्ष की उम्र में ही उन्हें गुरु की गद्दी पर बैठाया गया था. वे कई भाषाओं की जानकारी रखते थे तथा एक प्रकांड विद्वान थे.

उन्होंने कहा कि उनके जन्म के समय से ही चमत्कार दिखने लगा था. उनके जन्म के समय कक्ष में अष्टमुखी दीपक जगमगा उठा था. बचपन से ही से धनुष वाण एवं गुलेल से अचूक निशाना लगाते थे. संतों का अवतरण मानव कल्याण के लिए होता है जिसका प्रतिमूर्ति गुरु गोविंद सिंह जी महाराज थे. संचालन प्रचार मंत्री राजन कुमार चौरसिया ने किया.
उन्होंने कहा कि गुरु जी अद्भुत त्यागी थे जिन्होंने मां की ममता, पिता का साया तथा बच्चों का मोह, सब कुछ धर्म की रक्षा के लिए त्याग दिया. मौके पर उदय शंकर स्वर्णकार, भुज नारायण पंडित, भोलानाथ मंडल, प्रमोद यादव, मदन लाल, रंजन ठाकुर, नरेंद्र पंडित, सोहन साह, प्रीतम पासवान, अशर्फी तांती मुख्य रूप से उपस्थित थे.

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