शीतलहर की चपेट में मुंगेर
पारा पहुंचा 10 डिग्री सेल्सियस मुंगेर : मुंगेर शीतलहर की चपेट में है और हाड़ कंपा देने वाली ठंड से लोग परेशान हैं. पछुआ हवा के बीच पारा लुढ़क कर 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है और आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है. शनिवार को दोपहर तक शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र कोहरे के […]
पारा पहुंचा 10 डिग्री सेल्सियस
मुंगेर : मुंगेर शीतलहर की चपेट में है और हाड़ कंपा देने वाली ठंड से लोग परेशान हैं. पछुआ हवा के बीच पारा लुढ़क कर 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है और आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है. शनिवार को दोपहर तक शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र कोहरे के आगोश में रहा और दोपहर बाद जब भगवान भास्कर के दर्शन भी हुए तो लोगों को ठंड से कोई राहत भी नहीं मिली.
जिस प्रकार पूस माह का एक पखवारा गुजरा उससे लोगों को एहसास हो रहा था कि इस बार पूस की रात कठिन नहीं होगा. लेकिन पिछले तीन दिनों से पछुआ हवा के बीच चल रहे शीतलहर ने एक बार फिर लोगों को ठंड के आगोश में डाल दिया है. शनिवार को ठंड हवा के बीच जब सुबह हुई तो लोग काफी देर तक घरों में ही दुबके रहे. बाजार, सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों में भी ठंड के कारण उपस्थिति प्रभावित हुई है. शाम होते ही सड़क वीरान सी नजर आने लगी और लोग घर का रुख करने लगे.
अलाव की समुचित व्यवस्था नहीं : प्रशासनिक स्तर पर अबतक समुचित रूप से अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी है और न ही फुटपाथ पर रहने वाले गरीबों के बीच कंबल व गर्म कपड़े वितरित किये गये हैं. जबकि बड़ी संख्या में लोग फुटपाथ पर रात गुजारने को मजबूर हैं. मुंगेर किला क्षेत्र में ही सौ से अधिक स्त्री-पुरुष व बच्चे सड़क किनारे खुले आसमान के नीचे रात गुजार रहे. सरकारी स्तर पर इन लोगों के लिए रहने के लिए रैन बसेरा भी बने हैं वह भी अवैध कब्जा के चपेट में है.
ठिठुर रहे रिक्शा व ठेला चालक : ठंड का कहर रिक्शा व ठेला चालक पर सबसे अधिक पड़ रहा है. क्योंकि रिक्शा व ठेला चालक का परिवार कमायेगा तो खायेगा की पद्धति पर चलता है. लेकिन शीतलहर व कोहरे के कारण एक तो सवारी नहीं मिलती और दिन भर सवारी के आस में रहना पड़ता है. प्रशासन द्वारा अबतक अलाव की समुचित व्यवस्था नहीं होने से दिहाड़ी मजदूर भी शीतलहर के कारण फाकाकशी की जिंदगी जी रहे हैं.
कहते हैं अधिकारी
सदर अनुमंडल पदाधिकारी डॉ कुंदन कुमार ने कहा कि शहर के इंदिरा गांधी चौक, बस स्टैंड, कोड़ा मैदान, कटघर एवं अस्पताल सहित सात स्थान पर अलाव की व्यवस्था की गयी है. साथ ही जरूरतमंदों को कंबल उपलब्ध कराने के लिए प्रखंडों को राशि आवंटित की गयी है.