अंग महोत्सव में कविता पौडवाल व दीपाली सहाय ने बांधा समां

जाने क्यूं लोग मोहब्बत किया करते हैं… मुंगेर : पोलो मैदान में अंग महोत्सव के दूसरे दिन सोमवार को अंगिका, भोजपुरी एवं हिंदी गानों का महासंगम हुआ. मुंबई व कोलकाता से आये कलाकारों ने अपने सुरों से समां बांध दिया. ज्यों-ज्यों रात ढलती गयी, त्यों- त्यों सुरों के झंकार की गूंज बढ़ती ही चली गयी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2016 6:20 AM

जाने क्यूं लोग मोहब्बत किया करते हैं…

मुंगेर : पोलो मैदान में अंग महोत्सव के दूसरे दिन सोमवार को अंगिका, भोजपुरी एवं हिंदी गानों का महासंगम हुआ. मुंबई व कोलकाता से आये कलाकारों ने अपने सुरों से समां बांध दिया. ज्यों-ज्यों रात ढलती गयी, त्यों- त्यों सुरों के झंकार की गूंज बढ़ती ही चली गयी. देर रात तक दर्शक मधुर संगीत पर झूमते रहे. वहीं हास्य कलाकारों द्वारा गुदगुदाते लतीफे को सुन कर तो दर्शक लोट-पोट हो गये. कार्यक्रम का शुभारंभ प्रसिद्ध गायिका कविता पौडवाल द्वारा गाये गये शिव आराधना ” मन मेरा मंदिर, शिव मेरी पूजा ” गीत से हुई.
इसके बाद उन्होंने माता दुर्गा की आराधना में ” तूने मुझे बुलाया शेरो बालिये ” गीत गा कर दर्शक को भावविभोर कर दिया. फिर ” धीरे- धीरे से मेरी जिंदगी में आना…, बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम…, दिल है कि मानता नहीं…, छोटी- छोटी रातें लंबी हो जाती है…, जानें क्यूं लोग मुहब्बत किया करते हैं…” सहित दर्जनों गाने प्रस्तुत किये. जिसे सुन कर दर्शक झूमने पर विवश हो गये.
उन्होंने बताया कि लोग संगीत को अपना कैरियर चुनते हैं. लेकिन संगीत ने उन्हें खुद ही चुन लिया है. बचपन से ही उनके कानों में संगीत की ध्वनि का प्रवेश करना आरंभ हो गया था. ऊपर से माता अनुराधा पौडवाल की छाया में उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिला. उन्होंने बताया कि पंडित जियालाल जी वसंत एवं सुरेश वाडेकर उनके गुरु रहे हैं. अपने कैरियर की शुरुवात उन्होंने ‘ जुनून ‘ फिल्म से की. जिसके बाद उन्होंने दर्जनों फिल्म के लिए गाने गाये. इसके अलावे कई भक्ति व हिंदी गानों के एलबम भी बनाये.
अंगिका गाने पर खूब लगे ठुमके
वर्ष 2007 में इंडियन आयडल में धूम मचाने वाली बिहार की बिटिया गायिका दीपाली सहाय के मंच पर पहुंचते ही तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा पंडाल गूंज उठा. उन्होंने सासू बीड़ी ससुर गांजा…, लागल छै प्यार के बोखार…, एक दिन अइलों परदेशी…, मैं आयी हूं यूपी- बिहार लूटने…, छम्मा-छम्मा… सहित कई ऐसे गाने गाये, जिस पर दर्शक देर रात तक ठुमके लगाते रहे.

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