व्यक्ति मरता है, अमर रहते हैं उनके सद्विचार
लाल जगत ज्योति स्मृति सम्मान से प्रसून लतांक व विजय गुप्त हुए सम्मानित मुंगेर : सूचना एवं जन संपर्क कार्यालय के सभागार में सोमवार को पत्रकार सह साहित्यकार लाला जगत ज्योति स्मृति सम्मान-समारोह आयोजित किया गया. उसका उद्घाटन सूचना जन संपर्क उप निदेशक केके उपाध्याय, राज कुमारी सरावगी, जनसत्ता के संपादक प्रसून लतांग, अनिरुद्ध सिन्हा […]
लाल जगत ज्योति स्मृति सम्मान से प्रसून लतांक व विजय गुप्त हुए सम्मानित
मुंगेर : सूचना एवं जन संपर्क कार्यालय के सभागार में सोमवार को पत्रकार सह साहित्यकार लाला जगत ज्योति स्मृति सम्मान-समारोह आयोजित किया गया. उसका उद्घाटन सूचना जन संपर्क उप निदेशक केके उपाध्याय, राज कुमारी सरावगी, जनसत्ता के संपादक प्रसून लतांग, अनिरुद्ध सिन्हा एवं डॉ मृदुला झा ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया.
मौके पर जनसत्ता के संपादक प्रसून लतांग, कवि विजय गुप्त को स्मृति चिह्न व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया. प्रसून लतांग ने कहा कि व्यक्ति मर जाता है, परंतु उसके सद्विचार सदैव जीवित रहते हैं. संचार-व्यवस्था विश्वव्यापी होने के बाद भी अच्छी खबरें आज हाशिये पर रहती हैं. जो दुर्भाग्यपूर्ण है.
लालाजी के सुपुत्र सुधांशु शेखर सिन्हा ने कहा कि वे भौतिक जीवन में कर्तव्यों के निर्वाह में जहां सेवा व मानवता का संजीवनी देते रहे वहीं स्वभावत: यश-कामना से परे आम आदमी के दर्द को दूर करना अन्य कार्य से अधिक जरूरी समझते रहे. समकालीन साहित्य मंच के तत्वावधान में संयोजक अनिरूद्ध सिन्हा,
नवोदित माहेलता, किरण शर्मा, यशस्वी सहित दर्जन भर कवियों ने इस अवसर पर कविताएं सुनाई. जहां अधिवक्ता सह कवि यदुनंदन झा, मधुसूदन आत्मीय, एहतेशाम आलम,विधु शेखर सिन्हा सहित अन्य बुद्धिजीवियों ने लालाजी के
आदर्शों पर चलने को समाज व देशहित में बताया.