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पंखा न पानी, अधर में अटकी जिंदगानी

मुंगेर : सदर अस्पताल में दिन प्रतिदिन मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बिगड़ते जा रही है. प्रचंड गरमी के मौसम में भी अस्पताल के विभिन्न वार्डों में जहां डेढ़ दर्जन से भी अधिक पंखे खराब पड़े हुए हैं. वहीं मरीजों के लिए पेयजल की मुकम्मल व्यवस्था भी नहीं हो पायी है. जिसके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 19, 2016 1:52 AM

मुंगेर : सदर अस्पताल में दिन प्रतिदिन मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बिगड़ते जा रही है. प्रचंड गरमी के मौसम में भी अस्पताल के विभिन्न वार्डों में जहां डेढ़ दर्जन से भी अधिक पंखे खराब पड़े हुए हैं. वहीं मरीजों के लिए पेयजल की मुकम्मल व्यवस्था भी नहीं हो पायी है. जिसके कारण इलाजरत मरीजों की जिंदगानी अधर में अटकी हुई है.

विभिन्न वार्डों में खराब पड़े हैं 22 पंखे. गरमी का दिन आते ही लोगों का ध्यान स्वत: ही पंखा पर चला जाता है. अमीर हो या गरीब हर तबके के लोग अपने-अपने हिसाब से गरमी से राहत पाने के लिए व्यवस्था करते हैं. सदर अस्पताल में भी मरीजों की सुविधा के लिए पंखे तो लगाये गये हैं. किंतु उनमें से कुल 22 पंखे खराब पड़े हुए हैं.
जिसके कारण मरीजों को पसीने से तर बतर होना पड़ रहा है. पुरुष वार्ड में तो कम पंखे खराब हैं. किंतु महिला वार्ड में खराब पंखों की संख्या अधिक है. सबसे अधिक शिशु वार्ड में पंखे खराब पड़े हुए हैं. यहां मरीजों के लिए आठ पंखे लगाये गये हैं. किंतु दुर्भाग्य की बात यह है कि यहां मात्र एक पंखा ही काम कर रहा है. गरमी से बचने के लिए कोई तार का पंखा तो कोई बांस के पंखे का सहारा ले रहे हैं.
पेयजल की नहीं है मुकम्मल व्यवस्था. अस्पताल में पिछले एक माह से पेयजल की घोर किल्लत चल रही है. मरीजों को अस्पताल में शुद्ध पानी मिलना दुभर सा हो गया है. कई मरीज तो पियाऊ के गरम पानी से ही अपनी प्यास बुझाने को विवश हैं. वहीं कई मरीज बाहर से मंगा कर बोतलबंद पानी पी कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. विदित हो कि पूर्व में अस्पताल के विभिन्न वार्डों में शुद्ध पेयजल के लिए केंट मशीन लगाया गया था.
किंतु वर्तमान समय में यह मशीन सिर्फ प्रसव केंद्र में ही लगा हुआ है. बांकी के मशीन कहां हैं, यह बताने से अस्पताल के अधिकारी इनकार कर रहे हैं.
किसे सुनाऊं अपना दर्द, कोई नहीं सुनता. पुरुष मेडिकल वार्ड में भरती तोपखाना बाजार निवासी मो. शाहनवाज ने बताया कि वाटर फिल्टर मशीन खराब रहने के कारण उन्हें पयाऊ के गरम पानी से प्यास बुझानी पड़ती है. इसकी शिकायत जब अस्पताल उपाधीक्षक से की गयी तो उन्होंने कहा कि अभी जो उपलब्ध है, उसी का उपयोग करें. जो खराब पड़ा हुआ है, उसे ठीक कराने में अभी समय लगेगा.
वहीं प्रसव केंद्र में भरती पूरबसराय निवासी एक महिला की मां गायत्री देवी ने बताया कि कहने को तो वार्ड में मरीजों के पेयजल की सुविधा के लिए वाटर प्यूरीफायर लगाया गया है. किंतु पता नहीं वह कब से खराब पड़ा हुआ है. जिसके कारण पीने के लिए बाहर से बोतलबंद पानी खरीद कर लाना पड़ता है. शिशु वार्ड में भरती एक शिशु की माता शोभा देवी ने बताया कि वार्ड में तो आठ पंखे लगे हुए हैं. किंतु मात्र एक ही पंखा चलता है, वह भी नाम मात्र हवा देता है.
कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक .
अस्पताल उपाधीक्षक राकेश कुमार सिन्हा ने कहा कि जो भी खराब पंखे व वाटर प्यूरीफायर हैं, उसे जल्द ही ठीक कराया जायेगा.

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