कुपोषित बच्चे को नहीं मिल रही बिटामिन ”ए” व आयरन की सीरप

कुपोषित बच्चे को नहीं मिल रही बिटामिन ‘ए’ व आयरन की सीरप निरीक्षण में खुली पोल पोषण पुनर्वास केंद्र के राज्य समन्वयक ने किया निरीक्षण, जताया अफसोस मुंगेर : सदर अस्पताल के महिला विभाग में चल रहे पोषण पुनर्वास केंद्र में सोमवार को व्याप्त कुव्यवस्थाओं की पोल खुल गयी. जब इस बात का खुलासा हुआ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 26, 2016 5:00 AM

कुपोषित बच्चे को नहीं मिल रही बिटामिन ‘ए’ व आयरन की सीरप

निरीक्षण में खुली पोल
पोषण पुनर्वास केंद्र के राज्य समन्वयक ने किया निरीक्षण, जताया अफसोस
मुंगेर : सदर अस्पताल के महिला विभाग में चल रहे पोषण पुनर्वास केंद्र में सोमवार को व्याप्त कुव्यवस्थाओं की पोल खुल गयी. जब इस बात का खुलासा हुआ कि कुपोषित बच्चे को विटामिन ‘ए’ व आयरन की सीरप उपलब्ध नहीं करायी जा रही है. यह खुलासा पटना से आयी राज्य समन्वयक द्वारा पोषण पुनर्वास केंद्र के निरीक्षण के दौरान हुई. जिसके बाद समन्वयक के पास सिर्फ अफसोस जताने के अलावा कोई शब्द ही नहीं बच पाया.
एनआरसी की राज्य समन्वयक वृंदा तिरारू सोमवार को सदर अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण करने पहुंची थी. इस दौरान उन्होंने एनआरसी में दो कुपोषित बच्चे को भरती पाया. दोनों ही बच्चे नक्सल प्रभावित धरहरा प्रखंड से आये थे. समन्वयक ने बताया कि अभी एनआरसी के खुले दो महीने हुए हैं. अबतक नौ बच्चों को यहां भरती किया जा चुका है. अभी इस केंद्र को पूर्ण व्यवस्थित होने में कुछ और समय लगेगा. जब उन्होंने वहां मौजूद चिकित्सक डॉ दिलीप से एनआरसी के संबंध में पूछा तो समन्वयक की बोलती ही बंद हो गयी. चिकित्सक ने बताया कि यहां पर कुपोषित बच्चे को इस उद्देश्य से भरती की जाती है कि उनका कुपोषण दूर हो सके. किंतु सिर्फ फिडिंग के माध्यम से हम बच्चों का कुपोषण दूर नहीं कर सकते.
चिकित्सक ने बताया कि कुपोषित बच्चे के लिए विटामिन ‘ए’ की दवा यहां पर उपलब्ध नहीं है, जो बच्चे को दिया जाना निहायत जरूरी है. इस पर समन्वयक ने सफाई देते हुए कहा कि विटामिन ‘ए’ दवा की सप्लाई अभी राज्य स्तर पर ही नहीं हो पा रहा है. दवा की आपूर्ति होते ही यहां भी दवा उपलब्ध करा दिया जायेगा. तभी चिकित्सक ने बताया कि आयरन की सीरप के जगह सिर्फ टेबलेट भेजे जा रहे हैं. जिसे छोटे- छोटे बच्चे नहीं खा सकते. जब कुपोषण दूर करने वाली दवाएं ही उपलब्ध नहीं रहेगी तो फिर हम बच्चे का कुपोषण कैसे दूर कर पायेंगे.

Next Article

Exit mobile version