मुंगेर : कुएं से शराब निकालने पहुंची पुलिस पर फायरिंग
कुएं से निकाली गयी शराब की 700 बोतलें पूर्व के लाइसेंसी विक्रेता ने स्टॉक कर रखी थी, जांच में हुई पुष्टि मुंगेर : मुफस्सिल थाना क्षेत्र के महुली गांव में शुक्रवार को तीसरे दिन भी अवैध शराब बरामदगी के लिए छापेमारी की गयी. पुलिस द्वारा सील किये गये कुएं से शुक्रवार को जब शराब निकालने […]
कुएं से निकाली गयी शराब की 700 बोतलें
पूर्व के लाइसेंसी विक्रेता ने स्टॉक कर रखी थी, जांच में हुई पुष्टि
मुंगेर : मुफस्सिल थाना क्षेत्र के महुली गांव में शुक्रवार को तीसरे दिन भी अवैध शराब बरामदगी के लिए छापेमारी की गयी.
पुलिस द्वारा सील किये गये कुएं से शुक्रवार को जब शराब निकालने की कार्रवाई की जा रही थी. तो गंगा की तरफ से अपराधियों ने पुलिस टीम पर गोलीबारी की. इसमें पुलिस पदाधिकारी व जवान बाल-बाल बच गये.
मुफस्सिल थाना के अपर थानाध्यक्ष अभिनव दूबे के नेतृत्व में शुक्रवार को पुलिस बल महुली गांव पहुंची. टीम के सदस्य कुएं से शराब की बोतलें निकालने के लिए उतरे.
इसी दौरान गंगा घाट की ओर से जवान की कम संख्या देख कर पुलिस दल पर फायरिंग शुरू कर दी गयी. इस गोलीबारी में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. गोलीबारी होने पर जब पुलिस गंगा किनारे पहुंची तो अपराधी नाव से फरार हो गये. गोलीबारी की सूचना मिलते ही कोतवाली थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिन्हा भी महुलीगांव पहुंचे.
कार्टून व बोरे में बंद थी बोतलें
पुलिस बल द्वारा महुली गांव के आस-पास सील किये गये कुएं से 180 एमएल के मेकडबल रम की 700 बोतलें बरामद की गयीं. सभी बोतल कार्टून व बोरे में बंद था. शराब की बोतल निकालने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. कुएं से अबतक पूरी बोतल भी नहीं निकाला जा सकी है. अब भी कुएं में हजारों की संख्या में बोतल फेंके रहने की संभावना व्यक्त की जा रही है.
कुएं में घुसते ही परेशान हो उठी पुलिस
चुनाव के कारण छापेमारी में कम संख्या में पुलिस पदाधिकारी व बल गये थे. जब जवान कुएं में उतरे तो कुएं में शराब की गंध से परेशान हो उठे. किसी तरह दो कुएं से 700 बोतल निकाली गयी. अब भी कुएं में बोतलें हैं. पुलिस शनिवार को पुन: कुएं से शराब की बोतल निकालने पहुंचेगी.
बरामद शराब का मिला बैच नंबर
बुधवार एवं गुरुवार को महुली गांव में बरामद 24,973 विदेशी शराब की बोतलों की जांच उत्पाद विभाग द्वारा की गयी है.
जिसमें पाया गया कि बरामद शराब वही है जो बिहार वैबरेज कोरपोरेशन द्वारा पूर्व में लाइसेंसी शराब विक्रेता को उपलब्ध कराया गया था. उसका बैच नंबर लाइसेंसी दुकानदार को इशू की गयी शराब के बैच से मिल रहा है. जिसके कारण पूर्व लाइसेंसी दुकानदार किशोर यादव की मुश्किलें काफी बढ़ गयी है. यह साबित हो गया कि कालाबाजारी के उद्देश्य से ही किशोर यादव ने शराब का उठाव कर स्टॉक किया था.