यूपी में चुनाव को लेकर बढ़ी हथियारों की मांग

जमालपुर : पुलिस व एसटीएफ की सक्रियता के कारण शनिवार को मुंगेर से भेजा जा रहा हथियारों का एक जखीरा उत्तर प्रदेश नहीं पहुंच पाया. आगामी वर्ष वहां विधानसभा चुनाव होना है, जिसे लेकर वहां हथियारों की डिमांड बढ़ी है. इसे लेकर मुंगेर पुलिस पुरी तरह सतर्क है. ये बातें मुंगेर के एसपी आशीष भारती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 8, 2016 4:37 AM

जमालपुर : पुलिस व एसटीएफ की सक्रियता के कारण शनिवार को मुंगेर से भेजा जा रहा हथियारों का एक जखीरा उत्तर प्रदेश नहीं पहुंच पाया. आगामी वर्ष वहां विधानसभा चुनाव होना है, जिसे लेकर वहां हथियारों की डिमांड बढ़ी है. इसे लेकर मुंगेर पुलिस पुरी तरह सतर्क है. ये बातें मुंगेर के एसपी आशीष भारती ने जमालपुर पुलिस थाना में पत्रकारों से कही. उन्होंने कहा कि जमालपुर मुंगेर सड़क मार्ग पर श्रीराम पेट्रोलियम के निकट पुलिस ने उत्तर प्रदेश के दो हथियार तस्करों सहित मिर्जापुर बरदह के एक हथियार निर्माता व विक्रेता को दबोच लिया,

जबकि एक व्यक्ति वहां से भागने में सफल रहा. एसपी ने बताया कि गिरफ्तार तस्करों में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला के शाहगंज निवासी ओमप्रकाश दीक्षित का पुत्र जुगनू दीक्षित उर्फ रामसागर (21 वर्ष) एवं वहीं के मो निसार अहमद के पुत्र मो अहमद (20 वर्ष) एवं उसे हथियार की बिक्री करने वाला मुफस्सिल थाना के मिर्जापुर बरदह निवासी स्व मो किताबुल के पुत्र मो अहाब आलम उर्फ गोलू शामिल है. जबकि पुलिस को देखते ही मो अहाब का भाई मो महताब घटना स्थल से फरार होने में सफल रहा. उनके कब्जे से पूरी तरह निर्मित 9 पिस्टल, 18 मैगजीन, चार मोबाइल तथा लाल रंग का हंक मोटर साइकिल बीआर 08-सी 0252 बरामद किये गये हैं.

एक िपस्टल पर पांच से दस हजार मुनाफा
बरामद पिस्टल में 9 एमएम के चार तथा 7.65 एमएम के 5 पिस्टल शामिल हैं. एसपी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के हथियार तस्करों ने पूछताछ के क्रम में बताया कि मुंगेर से पिस्टल की खरीद 15 हजार रुपये में किया करते हैं तथा उसे उत्तर प्रदेश ले जाकर वहां 20 से 25 हजार रुपये की दर से बेच देते हैं.
उन्होंने बताया कि मो अहाब तथा मो किताबुल पहले भी कई बार हथियार तस्करी के धंधे के मामले में जेल जा चुके हैं. जबकि मो अहमद भी पूर्व में इसी प्रकार के मामले में आजमगढ़ जेल जा चुका है. छापेमारी दल में थानाध्यक्ष राजीव कुमार, इंस्पेक्टर सकलदेव यादव एवं एसआइ जितेंद्र सिंह मुख्य रूप से शामिल थे.

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