गंगा नदी में बगैर निबंधन के चल रही हैं नावें

गंगा में चल रहीं ढाई दर्जन नावें, प्रशासन बेफिक्र कटिहार : यह आम जनता की बात नहीं, बल्कि प्रशासनिक पदाधिकारी भी मानते हैं कि गंगा नदी में अधिकतर नौकाएं बगैर परमिट के चलती हैं. मनिहारी सीओ चंद्र कुमार भी कहते हैं कि गत दिनों जो हादसा हुआ, वह नाव निबंधित नहीं थी. जब प्रशासनिक स्तर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 29, 2016 7:11 AM

गंगा में चल रहीं ढाई दर्जन नावें, प्रशासन बेफिक्र

कटिहार : यह आम जनता की बात नहीं, बल्कि प्रशासनिक पदाधिकारी भी मानते हैं कि गंगा नदी में अधिकतर नौकाएं बगैर परमिट के चलती हैं. मनिहारी सीओ चंद्र कुमार भी कहते हैं कि गत दिनों जो हादसा हुआ, वह नाव निबंधित नहीं थी. जब प्रशासनिक स्तर पर ही लाप है, तो फिर नौका चालक अपनी मनमर्जी क्यों न करे. मिली जानकारी अनुसार गंगा नदी में दस मोटर चालित नौका ही है जो निबंधित है
जबकि क्षेत्र में तकरीबन दो-ढ़ाई दर्जन नौकाएं अवैध रूप से चलायी जा रही हैं. बता दें कि सिंगल टोला और बाघमारा के छह लोग बैजनाथपुर दियरा से खेती का काम कर शाम में घर लौटने के क्रम में नाव डूब गयी थी. नाव पर क्षमता से अधिक लोग सवार थे. जो नौका हादसा हुआ वह नाव भी बगैर निबंधन के चल रही थी,
लेकिन आज तक इन नौका चालकों पर न तो प्रशासनिक स्तर पर कोई कार्रवाई अमल में नहीं लायी गयी और न ही कभी किसी नौका चालक ने स्थानीय प्रशासन से फिटनेस सर्टिफिकेट लेना ही मुनासिब समझा. लोग जान जोखिम में डाल कर मजबूरन गंगा नदी में नाव पर सफर करते हैं. उनके पास कोई विकल्प नहीं होता है. जरूरी कार्य के लिये उन्हें जिला मुख्यालय या फिर प्रखंड कार्यालय आना पड़ता है.
नाव चालक भी करते हैं मनमर्जी : आमतौर पर लोग मजबूरन नाव पर सवार होते हैं. कारण, नौका चालक तब तक मोटर स्टार्ट नहीं करते, जब तक कि नाव पर ठसाठस यात्री सवार नहीं हो जाते. उन्हें तो सिर्फ जेबें गरम करने से मतलब रहता है, भले ही लोगों की जान ही क्यों न चली जाये. प्रशासनिक व्यवस्था नहीं रहने का फायदा नौका चालक उठाते हैं और जान बूझ कर नाव पर क्षमता से अधिक यात्रियों को सवार करते हैं.

Next Article

Exit mobile version