एसपीओ की गिरफ्तारी से हतप्रभ हुए लोग
नक्सलियों को हथियार आपूर्ति मामले में मुंगेर जिले के संग्रामपुर थाना के एसपीओ बलराम सिंह की बांका में गिरफ्तारी हुई है. इससे एसपीओ के कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं. मुंगेर : बांका पुलिस ने नक्सलियों को हथियार आपूर्ति मामले में मुंगेर जिले के संग्रामपुर थाना का एसपीओ बलराम सिंह को गिरफ्तार किया. एसपीओ की […]
नक्सलियों को हथियार आपूर्ति मामले में मुंगेर जिले के संग्रामपुर थाना के एसपीओ बलराम सिंह की बांका में गिरफ्तारी हुई है. इससे एसपीओ के कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं.
मुंगेर : बांका पुलिस ने नक्सलियों को हथियार आपूर्ति मामले में मुंगेर जिले के संग्रामपुर थाना का एसपीओ बलराम सिंह को गिरफ्तार किया. एसपीओ की गिरफ्तारी की खबर सुनते ही लोग हतप्रभ रह गये. लोगों में इस बात को लेकर चर्चा होती रही कि आिखर नक्सलियों के खिलाफ जिसे तैयार किया गया, वही अगर नक्सलियों से मिला हुआ हो तो फिर कैसे सफलता मिलेगी.
आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए हुई है एसपीओ की नियुक्ति
अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस विभाग ने एसपीओ की नियुक्ति की है. जिसे सरकार द्वारा निर्धारित मानदेय भी मिलता है. साथ ही थाना स्तर पर थानेदार भी अपना मुखबिर बनाकर रखते हैं. जिले में पुलिस विभाग के अधीन लगभग 30 एसपीओ कार्यरत हैं,
जो क्षेत्र में आपराधिक व नक्सली गतिविधियों की सूचना पुलिस अधिकारियों को उपलब्ध कराते हैं, लेकिन कुछ मुखबिर ऐसे हैं जो सिर्फ पुलिस में अपनी पैठ जमा कर नक्सलियों एवं अपराधियों को मदद पहुंचा रहे. जब बांका पुलिस ने संग्रामपुर थाना के एसपीओ सरकहीया गांव निवासी बलराम सिंह को बेलहर थाना क्षेत्र के रत्तोचक गांव से हथियार के साथ गिरफ्तार किया तो इस बात को बल मिल गया. उस पर आरोप है कि वह नक्सलियों को हथियार मुहैया कराता था. बलराम की गिरफ्तारी के बाद एसपीओ की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजिमी है.