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इमरजेंसी वार्ड : न शौचालय और न यूरिनल

दो अलग-अलग कमरे में लगाये गये हैं छह बेड दो एसी लगाये गये हैं पर काम नहीं कर रहा मुंगेर : सदर अस्पताल में चिकित्सकों एवं अधिकारियों के लिए जितने भी कार्यालय बने हैं, उन सबों में शौचालय की भी व्यवस्था की गयी है़ ताकि उन्हें ड्यूटी के दौरान तनिक भी परेशानी न हो़ किंतु […]

दो अलग-अलग कमरे में लगाये गये हैं छह बेड

दो एसी लगाये गये हैं पर काम नहीं कर रहा
मुंगेर : सदर अस्पताल में चिकित्सकों एवं अधिकारियों के लिए जितने भी कार्यालय बने हैं, उन सबों में शौचालय की भी व्यवस्था की गयी है़ ताकि उन्हें ड्यूटी के दौरान तनिक भी परेशानी न हो़ किंतु मरीजों के लिए बनाये गये नये इमरजेंसी वार्ड में शौचालय तो दूर, यूरिनल तक की व्यवस्था नहीं की गयी है़ जिससे अस्पताल प्रबंधन की यह कुव्यवस्था साफ दिखाई दे रही है. मरीजों के लिए परेशानियों का सबब बन गयी है़
नये इमरजेंसी वार्ड में मरीजों के लिए दो अलग- अलग कमरों में छह बेडों की व्यवस्था की गयी है़ कमरों को वातानुकूलित रखने के लिए दो एसी लगाये गये हैं. भले ही वह काम नहीं कर रहा हो़ किंतु यहां अस्पताल प्रबंधन शायद इस वार्ड में शौचालय बनाना भूल गये़ हाल यह है कि मरीजों को यदि शौच लग जाये तो उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ जाता है़
जल्दबाजी में उन्हें अस्पताल भवन के किसी कोने या आड़ का सहारा लेना पड़ जाता है़ यह स्थिति न सिर्फ रात में बल्कि दिन में भी बनी रहती है़ मरीजों ने तत्काल अस्पताल प्रशासन से इस दिशा में पहल करने की मांग की है ताकि परेशानी दूर हो सके.
अस्पताल प्रशासन की कुव्यवस्था होती है मरीजों को परेशानी
बंद रहता है अस्पताल का दक्षिणी द्वार
सदर अस्पताल के दक्षिणी द्वार को अस्पताल प्रबंधन द्वारा अस्थायी तौर पर बंद कर दिया है़ जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है़ नशामुक्ति केंद्र पर इलाज कराने जाने वाले मरीजों को गेट के बंद रहने के कारण उत्तरी गेट से प्रवेश करना पड़ रहा है, जिससे बिना वजह उन्हें 100 मीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है़
पोस्टमार्टम हाउस निर्माण की गति धीमी
केंद्रीय दवा भंडार के समीप पिछले छह माह से अत्याधुनिक पोस्टमार्टम हाउस का निर्माण कार्य चल रह है़ जिसकी गति काफी धीमी चल रही है़ मालूम हो कि इसे जूलाई माह तक पूरा किया जाना था़ किंतु मंथर गति से निर्माण कार्य के चलने से अभी इसे पूरा करने में काफी लंबा समय लगने की संभावना जतायी जा रही है़
वार्डों में नहीं है अटेंडेंट चेयर
सदर अस्पताल के एक भी वार्ड में अटेंडेंट चेयर की व्यवस्था नहीं दी गयी है़ जिसके कारण मरीजों के साथ अस्पताल आने वाले अटेंडेंट को उनकी देखभाल के लिए फर्श पर बैठ कर ही समय बिताना पड़ता है़ विदित हो कि पिछले साल अक्टूबर माह में ही सिविल सर्जन डॉ श्रीनाथ ने अस्पताल उपाधीक्षक को प्रत्येक वार्ड में अटेंडेंट चेयर लगाने का निर्देश दिया था.

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