न सड़क, न पानी, फिर भी टैक्स

शहर की कई महत्वपूर्ण सड़कें जर्जर हैं. आधी आबादी को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है. नगरवासी टैक्स दे रहे हैं. नालियों की सफाई नहीं हो रही है. पहली बारिश में ही सफाई व्यवस्था की पोल खुल गयी. किला परिसर छोड़ शहर की अन्य सड़कें जर्जर हैं जबकि आधे से अधिक हिस्से को शुद्ध पेयजल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2016 7:39 AM
शहर की कई महत्वपूर्ण सड़कें जर्जर हैं. आधी आबादी को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है. नगरवासी टैक्स दे रहे हैं. नालियों की सफाई नहीं हो रही है. पहली बारिश में ही सफाई व्यवस्था की पोल खुल गयी. किला परिसर छोड़ शहर की अन्य सड़कें जर्जर हैं जबकि आधे से अधिक हिस्से को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है.
मुंगेर : वर्ष 2012 मुंगेर नगर परिषद को नगर निगम का दर्जा मिला और जून 2012 में नगर निगम बोर्ड का गठन किया गया. शहरवासियों के सपने उड़ान भरने लगे और लोगों को लगा कि अब उनके नागरिक सुविधाओं का विस्तार होगा तथा बिजली, पानी, सड़क, रोशनी, नाली, सफाई की व्यवस्था चाक चौबंध होगी. अब लोग चिकनी सड़कों पर चलेंगे और उन्हें सुबह-सवेरे पानी के लिए गैलन, बाल्टी व डब्बा लेकर नहीं दौड़ना होगा. लेकिन समय बीतने के साथ लोगों के सपने टूटने लगे और उनके समक्ष सड़क, पानी व गंदगी की समस्या आज भी मुंहबाये खड़ी है.
गड्ढे में तलाश रहे सड़क : मुंगेर शहर की 70 प्रतिशत सड़कें आज जर्जर अवस्था है. किला परिसर व मुख्य बाजार को छोड़ सभी सड़कों की स्थिति बदहाल है. कई सड़कें तो ऐसी है जहां लोगों को चलने में गड्ढे के बीच सड़क तलाशनी पड़ रही. शहर के कासिम बाजार थाना चौबटिया से लेकर महद्दीपुर तक सड़क का अस्तित्व ही नहीं है. लोग यहां गड्ढों में सड़क को तलाशते हैं.
अलबत्ता यह कि यदि थोड़ी सी भी बारिश हो जाय तो दो पहिया वाहन व पैदल चलना भी इस सड़क पर मुश्किल हो जाता है. इसके साथ ही शाहजुबैर रोड, कासिम बाजार रोड, खोजा बाजार, शास्त्री चौक से होते हुए तील नंगर गुमटी मोगल बाजार, नयागांव, राइसर, फौजदारी बाजार, बिंदवारा की सड़क पूरी तरह टूट कर जर्जर हो चुका है.
इन सड़कों पर चलने में लोगों को काफी परेशानी होती है. वार्ड पार्षद सुनील राय का कहना है कि नगर निगम में विकास के मामले में भेद भाव बरता जाता है. शहर के दक्षिणी इलाके में सड़क जर्जर है, साथ ही यहां के लोगों को पानी भी नहीं मिल रहा.

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