प्रतिबंध के बावजूद मुंगेर में बिक रही शराब

मुंगेर अवैध शराब कारोबार का बनता जा रहा बड़ा हब, पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल मुंगेर : मुंगेर अवैध हथियार निर्माण व तस्करी के साथ ही अवैध शराब के कारोबार का बड़ा हब बनता जा रहा है. प्रतिबंध के बावजूद मुंगेर में बड़े पैमाने पर विदेशी शराब की खेप पहुंच रही है और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2016 7:11 AM

मुंगेर अवैध शराब कारोबार का बनता जा रहा बड़ा हब, पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल

मुंगेर : मुंगेर अवैध हथियार निर्माण व तस्करी के साथ ही अवैध शराब के कारोबार का बड़ा हब बनता जा रहा है. प्रतिबंध के बावजूद मुंगेर में बड़े पैमाने पर विदेशी शराब की खेप पहुंच रही है और धड़ल्ले से बेची जा रही. पुलिस लगातार विदेशी शराब की खेप के साथ तस्करों को भी गिरफ्तार कर रही. लेकिन शराब के कारोबार पर विराम नहीं लग रहा है.
पूर्ण शराबबंदी की घोषणा के बाद पुलिस और उत्पाद विभाग को शराब बिक्री व निर्माण पर सख्ती से रोक लगाने का निर्देश दिया गया. लेकिन दोनों विभाग शराबबंदी पर रोक लगाने में सफल नहीं हो पा रही. बंदी के बाद भले ही शराब पीने और खरीदने का तरीका बदल गया है. लेकिन आज भी एक फोन कॉल पर शराबियों को शराब मुहैया करायी जा रही है.
फिर पकड़ायी शराब की बड़ी खेप : कासिम बाजार थाना पुलिस ने चार दिनों में शराब के दो बड़ा कारोबारी को विदेशी शराब के साथ गिरफ्तार किया. मंगलवार को पुलिस ने शराब के बड़े कारोबारी अशोक सहनी को 9 बोतल शराब के साथ गिरफ्तार किया. इसके बाद पुलिस ने हसनगंज में छापेमारी कर छोटू शर्मा के खंडहरनुमा घर में छापेमारी कर विदेशी शराब का 106 बोतल बरामद किया. जबकि संतोष यादव एवं शत्रुजीत यादव फरार हो गया. जिससे यह साबित हो गया कि कासिम बाजार थाना क्षेत्र में शराब के कारोबारी की संख्या अधिक है.
झारखंड से लाते हैं शराब : 15 दिनों में तीन बड़ी खेप शराब का मुंगेर पुलिस ने पकड़ा. सभी शराब की बोतल पर झारखंड की मुहर लगी है. अशोक सहनी ने तो पुलिस को बताया कि झारखंड के साहेबगंज स्थित दुकान से वह शराब खरीदता है और ट्रेन के माध्यम से उसको तस्करी कर लाया जाता है. झारखंड एवं मुंगेर के शराब माफियों के बीच का गठजोड़ भी है. जिसके कारण यह धंधा काफी फल-फूल रहा है.
रोजगार का बना बड़ा साधन : प्रतिबंध के बाद शराब कारोबार का धंधा परवान पर है. शराब का कारोबार अधिक पैसा कमाने का मुख्य जरिया बन गया है. जबकि यह कारोबार लोगों के लिए रोजगार का बड़ा साधन बन गया है. महिला, पुरुष, बच्चे पैसों की लालच में लगातार जुड़ते जा रहे हैं. बरियारपुर एवं जमालपुर में महिला शराब तस्करों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया. जिससे बात को बल मिलता है. झारखंड से प्रिंट रेट पर शराब मुहैया कराया जाता है. जिसे मुंगेर में ऊंचे कीमत पर लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है.
कहते हैं पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने बताया कि झारखंड में एक व्यक्ति के लिए निर्धारित शराब देने का प्रावधान है. आखिर दुकानदार किस परिस्थिति में कार्टून का कार्टून शराब मुंगेर के शराब माफियाओं बेच रहे हैं. इसकी जांच करायी जायेगी. उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में शराब की बिक्री व सेवन नहीं होने दिया जायेगा.
गिरफ्तार अशोक सहनी का पूर्व से कासिम बाजार थाना से गहरा लगाव रहा है. वह कई वर्षों तक थाने का जीप भी चलाता था. जिसके कारण पुलिस में उसकी गहरी पैठ हो गयी. उसी समय से अशोक सहनी अवैध शराब के कारोबार से जुड़ गया. लल्लू पोखर में वह वर्षों से अवैध रुप से शराब लोगों को उपलब्ध कराता रहा है. उसका साला फिरोज सहनी भी इस कारोबार से जुड़ गया. जिसके कारण दोनों में विवाद हुआ और गोलीबारी भी हुई.
जिसमें फिरोज सहनी घायल हो गया था. पूर्ण शराबबंदी के बाद भी अशोक व फिरोज सहनी ने शराब का कारोबार नहीं छोड़ा. इधर हसनगंज में 106 बोतल शराब बरामदगी के मामले में संतोष यादव एवं शत्रुजीत यादव बच निकला. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दोनों किशोर यादव का शराब दुकान चलाता था. जब प्रतिबंध लगा तो दोनों शराब का अवैध कारोबार में लिप्त हो गया.

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