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सड़ांध ने बढ़ायी परेशानी, बीमारी का भय

आपदा के बाद. खतरे के निशान के बराबर बह रही गंगा, कई क्षेत्रों में बाढ़ का कहर अब भी जारी जलस्तर में लगातार कमी के बावजूद गंगा खतरे के निशान के बराबर बह रही है़ बुधवार की शाम 6 बजे तक गंगा जलस्तर घट कर 39.34 मीटर तक पहुंच गया था़ हालांकि जिले में बाढ़ […]

आपदा के बाद. खतरे के निशान के बराबर बह रही गंगा, कई क्षेत्रों में बाढ़ का कहर अब भी जारी

जलस्तर में लगातार कमी के बावजूद गंगा खतरे के निशान के बराबर बह रही है़ बुधवार की शाम 6 बजे तक गंगा जलस्तर घट कर 39.34 मीटर तक पहुंच गया था़ हालांकि जिले में बाढ़ का कहर अब भी जारी है़ अबतक जिस इलाके से बाढ़ का पानी निकल चुका है, वहां पर सड़ांध से उत्पन्न होने वाले दुर्गंध के कारण आम लोगों का जीना मुहाल हो गया है़
मुंगेर : पिछले छह दिनों से गंगा के जलस्तर का घटना लगातार जारी है़ शुरुवाती दिनों में तो काफी धीमी गति से जलस्तर में कमी आ रही थी़ किंतु बुधवार से जलस्तर में कमी आने की रफ्तार थोड़ी तेज हुई़ केंद्रीय जल आयोग से मिली रिपोर्ट के अनुसार प्रत्येक घंटे में डेढ़ सेंटीमीटर की रफ्तार से गंगा का जलस्तर घट रहा है़ किंतु बाढ़ का कहर अब भी जारी है़ अब गंगा खतरे निशान के बराबर बह रही है़ जिसके कारण दर्जनों गांव अब भी जलमग्न है़
हाल यह है कि बाढ़ में फंसे पीड़ितों को जलीय जीव के जैसा जीवन बिताना पड़ रहा है़ स्थानीय लोगों की मानें तो सड़ाध वाले क्षेत्रों में ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव में कोताही बरती जा रही है़
सड़ांध से व्याकुल हो रहे लोग: जैसे-जैसे बाढ़ का पानी वापस गंगा में लौटते जा रही है, वैसे-वैसे शहर के साथ-साथ ग्रामीण इलाके के प्रभावित क्षेत्रों में सड़ांध की स्थिति काफी गंभीर होती जा रही है़ सड़ांध से उत्पन्न होने वाली दुर्गंध के कारण लोगों को खुली हवा में सांस लेना मुश्किल सा हो गया है़ घर से बाहर निकलते ही लोगों को तौलिये व रूमालों से अपना मुंह व नाक ढ़कना पड़ रहा है़ सड़ांध के कारण लोगों की व्याकुलता बढ़ गयी है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा यदि जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो गांवों में महामारी फैलनी शुरु हो जायेगी़
पानी के बीच से होकर सड़कों पर हो रहा आवागमन
शहरी क्षेत्र के मोकबीरा में बाढ़ का दृश्य. । फोटो प्रभात खबर
सड़कों पर जमा पानी बढ़ा रही परेशानी
वैसे तो कई जगहों पर सड़क पर चढ़े बाढ़ का पानी अब नीचे उतर चुका है, किंतु अब भी दर्जनों गांवों सहित शहरी क्षेत्रों में भी सड़क पर बाढ़ का पानी जमा हुआ है़ नौवागढ़ी-चड़ौन पथ से रामगढ़, खरबा व मनियारचक गांव जाने वाले पथ पर अब भी घुटने भर से ऊपर बाढ़ का पानी बह रहा है़ किंतु मजबूरी के कारण लोगों को सड़क पर बह रहे पानी में होकर गुजरना पड़ रहा है, जिससे राहगीरों को काफी परेशानी हो रही है़ वहीं नगर निगम क्षेत्र में लाल दरबाजा स्थित मिर्ची तालाब, धोबीटोला, विषहरी स्थान, महावीर स्थान के समीप की सड़कें गहरी है, वहां बाढ़ का पानी जमा हो गया है़ इससे वहां के स्थानीय लोगों की समस्या जस की तस बनी हुई है और लोग सड़ांध से परेशान हैं.
दोहरी मार झेल रहे आपदा पीड़ित परिवार
बाढ़ से विस्थापित होकर लगभग 80 हजार लोग प्रशासनिक स्तर पर बनाये गये राहत शिविरों में शरण लिये हुए हैं. किंतु बांकी के पीड़ित परिवार अब भी अपने गांव में बाढ़ के पानी के बीच जिंदगी की तलाश कर कर रहे हैं. प्रकृति के दोहरे मार से पीड़ित परिवार पूरी तरह त्रस्त हो चुके हैं. एक तो गंगा मैया ने पीड़ितों से उनका घर छिन लिया है, ऊपर से भगवान भास्कर ने भी अपने तेज धूप को इतना बढ़ा दिया है कि मानों पीड़ितों की अग्नि परीक्षा ली जा रही हो़ एक दो दिनों की बात हो तो हो, यहां तो पिछले 20 दिनों से लोग छतों व ऊंचे- ऊंचे मचानों पर शरण लिए हुए हैं. पीड़ितों को सबसे अधिक परेशानी दोपहर के समय होती है, जब सूर्य का ताप चरम पर होता है़
विभिन्न स्थानों पर गंगा का जलस्तर
स्थान जलस्तर
मुंगेर 39.34 मीटर
भागलपुर 34.43 मीटर
कहलगांव 32.54 मीटर
साहेबगंज 28.87 मीटर
फरक्का 24.10 मीटर

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