बरियारपुर : बाढ़ का कहर बरियारपुर प्रखंड के मुसहरी कल्याणटोला के महादलितों पर बुरा असर पड़ा है. बाढ़ ने जहां इन लोगों का घर अपने आगोश में ले लिया और मुख्य सड़क से संपर्क भी भंग हो गया. किसी तरह नाव के सहारे महादलित परिवार ऋषिकुंड हॉल्ट के समीप पहुंचे और रेलवे ट्रैक के किनारे ही अपनी झुग्गी झोपड़ी बना ली. जिसमें बाढ़ पीड़ितों की गुजर-बसर हो रही. यहां रहना खतरों से खाली नहीं.
बावजूद इसके बाढ़ पीड़ित रहने को मजबूर हैं. बाढ़ ने छीना महादलितों का आशियाना मुसहरी कल्याणटोला के महादलितों की विडंबना है कि इन लोगों का घर फूस का था. बाढ़ ने सभी के आशियानों को अपनी आगोश में ले लिया और ये लोग घर से बेघर हो गये. ये लोग ऋषिकुंड रेलवे ट्रैक के किनारे झुग्गी-झोपड़ी डाल कर खुले आसमान के नीचे रह रहे हैं. अब हाल यह है कि बाढ़ का पानी निकलता जा रहा है और इन लोगों को गांव प्रवेश करने में महीनों लगेंगे. सरकारी स्तर पर नहीं मिली सहायता बाढ़ पीड़ित महादलित राजकुमार मांझी, जीतन मांझी, शिवम मांझी, प्रमोद मांझी सहित अन्य का कहना है कि सरकारी स्तर पर किसी प्रकार का राहत उपलब्ध नहीं कराया गया. सरकारी स्तर पर चलाये गये शिविर से भी भोजन की व्यवस्था नहीं हो पायी. न तो प्रशासन ने सुधि ली और न ही किसी प्रकार का सहयोग किया गया.
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एसपी व एसआरपी ने बांटे राहत सामग्री फोटो संख्या : 5 फोटो कैप्सन : राहत सामग्री वितरण करते एसपी व एसआरपी बरियारपुर : ऋषिकुंड हॉल्ट रेलवे ट्रैक के किनारे रह रहे बाढ़ पीड़ितों को पुलिस अधीक्षक आशीष भारती एवं रेल पुलिस अधीक्षक स्वप्ना मेश्राम ने राहत सामग्री उपलब्ध कराया. पीड़ितों के बीच चुरा, दालमोट, बिस्किट, मोमबत्ती, सलाई एवं पॉलीथीन का पैकेट दिया गया. साथ ही चिकित्सकों की टीम ने पीड़ितों के स्वास्थ्य की जांच की और दवा उपलब्ध कराया. इससे पूर्व ऋषिकुंड हॉल्ट पर पहुंचने वाले पथ में पानी बहाव होने के कारण एसपी, एसआरपी व अन्य अधिकारियों को नाव पर सवार होकर हॉल्ट पहुंचना पड़ा. उसके बाद मुसहरी कल्याणटोला के महादलितों को राहत सामग्री उपलब्ध कराया गया. मौके पर बरियारपुर थानाध्यक्ष अभिनव दूबे, ऋषिकुंड विकास मंच के संयोजक मनोज कुमार व चंद्रदिवाकर कुमार मुख्य रूप से मौजूद थे.
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ब्लीचिंग पाउडर की जगह चूना पाउडर का छिड़काव बरियारपुर : बरियारपुर प्रखंड का हरिजन कल्याणटोला, झौव बहियार, रहिया, विजयनगर सहित अन्य क्षेत्र बाढ़ की चपेट में है. अब इन क्षेत्रों से बाढ़ का पानी निकल चुका है और ग्रामीणों को महामारी की आशंका सता रही है. ग्रामीण सुरेश मंडल, धर्मेंद्र, ललन कुमार, किशोर मांझी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सिर्फ दिखावा के लिए रोग निरोधात्मक दवा का छिड़काव किया जा रहा है. शुक्रवार को ईटहरी पंचायत के विजयनगर गांव में ब्लीचिंग पाउडर के बदले चूना पत्थर का छिड़काव स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा था. हाल यह था कि ब्लीचिंग पाउडर का महक भी नहीं आ रही थी. इसको लेकर ग्रामीणों में चर्चा थी कि स्वास्थ्य विभाग महामारी क्या रोकेगी इससे तो और महामारी फैलेगी.
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उपेक्षित रहा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र चमनगढ़ बरियारपुर : ईटहरी पंचायत का चमनगढ़ गांव पूरी तरह बाढ़ की चपेट में है और इस गांव का सड़क संपर्क भी बाढ़ के पानी में टूट गया. यह गांव दलितों की बस्ती है. बावजूद प्रशासन की नजर में यह गांव उपेक्षित रह गया और ग्रामीणों को सरकारी राहत शिविर का लाभ नहीं मिल पाया. ग्रामीण नंदलाल पासवान, मनोज पासवान, राजकुमार पासवान, शकलदेव पासवान ने बताया कि चमनगढ़ गांव पूरी तरह बाढ़ से घिरा रहा और भूखे-प्यासे दिन-रात काटे. गांव के दो-चार नौकरी पेशे वाले लोगों द्वारा भोजन उपलब्ध कराया गया. आफत की इस घड़ी में प्रशासन हमलोगों की सुधि तक नहीं ली और हमलोग भूखे-प्यासे कराहते रहे.