शर्मसार: दो दिनों तक इलाज के लिए तड़पता रहा वृद्ध, मौत अस्पताल प्रबंधन ने नहीं ली सुधि

मुंगेर : जी हां! सदर अस्पताल में यदि आप अकेले इलाज कराने जा रहे हैं तो आपके जान की कोई गारंटी नहीं है़ ऐसे में आपकी जान तक जा सकती है़ हैरान मत होइये, ऐसी घटना सोमवार को हुई. दो दिनों से बीमारी के हालत में पड़े बेसुध एक अज्ञात की सोमवार को मौत हो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 6, 2016 5:13 AM

मुंगेर : जी हां! सदर अस्पताल में यदि आप अकेले इलाज कराने जा रहे हैं तो आपके जान की कोई गारंटी नहीं है़ ऐसे में आपकी जान तक जा सकती है़ हैरान मत होइये, ऐसी घटना सोमवार को हुई. दो दिनों से बीमारी के हालत में पड़े बेसुध एक अज्ञात की सोमवार को मौत हो गयी़ उसकी उम्र अनुमानत: लगभग 60 वर्ष बतायी जा रही है़ इस वृद्ध को न तो किसी चिकित्सक ने देखा, न किसी मेडिकल स्टाफ ने इन्हें बेड तक पहुंचाया और न ही अस्पताल प्रबंधन ने इनकी सुधी ली़ अंतत: इलाज के अभाव में वृद्ध ने दम तोड़ दिया़

जिसका कोई नहीं, उनका सदर अस्पताल भी नहीं
मानवता को शर्मशार कर देने वाली इस घटना को देखने से यही पता चलता है कि इलाज के लिए सदर अस्पताल के साथ यदि कोई नहीं तो उनका सदर अपताल भी अपना बनने को तैयार नहीं है़ स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले 3 सितंबर को एक अज्ञात वृद्ध किसी तरह सदर अस्पताल परिसर में पहुंच गया़ वह वह इतना बीमार था कि चलना-फिरना भी मुश्किल था.
भर दिन वह अस्पताल परिसर के बरामदे पर किसी तरह खिसकते-खिसकते पहुंचे और पूरी रात फर्श पर लेटे-लेटे ही गुजर गयी़ किंतु 4 सितंबर की रात को वे किसी तरह डायरिया वार्ड में खाली पड़े एक बेड तक पहुंच गया़ इस बीच न तो अस्पताल प्रबंधन ने उनकी सुधी ली और न ही वृद्ध का इलाज की आरंभ किया गया़ सोमवार को जैसे ही स्टाफ नर्स वार्ड में पहुंची, उन्होंने वृद्ध को बेड पर बेसुध पड़ा देख अस्पताल उपाधीक्षक को इसकी जानकारी दी़ जिसे देख अस्पताल उपाधीक्षक ने मृत बताया़ समय में यदि वृद्ध का इलाज किया जाता तो शायद उनकी जान बचायी जा सकती थी़ समाचार लिखे जाने तक अज्ञात के शव को वार्ड से बाहर भी नहीं निकाला गया था़ शव के बीच ही डायरिया के मरीजों का इलाज चल रहा था़
वृद्ध से जब नाम पूछा गया तो वह कुछ बताने को तैयार ही नहीं हुआ़ जब उन्हें इलाज के लिए कहा गया तो उन्होंने इनकार कर दिया़ सोमवार की सुबह वह डायरिया वार्ड के एक बेड पर मृत पड़ा हुआ था़
डॉ राकेश कुमार सिन्हा, अस्पताल उपाधीक्षक

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