जेल पहुंच रहे मोबाइल व गांजा

मुंगेर : जेल में बंद कैदियों को किसी प्रकार की बाहरी सुविधा प्रदान नहीं की जाती है. लेकिन मुंगेर जेल में बंद कैदियों को हर सुविधाएं मिलती है. सोमवार की रात जब जिला एवं पुलिस प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में जेल में छापेमारी की गयी तो कैदियों के पास से दो मोबाइल, तीन सीम कार्ड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2016 6:22 AM

मुंगेर : जेल में बंद कैदियों को किसी प्रकार की बाहरी सुविधा प्रदान नहीं की जाती है. लेकिन मुंगेर जेल में बंद कैदियों को हर सुविधाएं मिलती है. सोमवार की रात जब जिला एवं पुलिस प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में जेल में छापेमारी की गयी तो कैदियों के पास से दो मोबाइल, तीन सीम कार्ड एवं गांजा बरामद हुआ. जो इस बात का प्रमाण है कि जेल में बंद मोस्ट वांटेड अपराधी को जेल प्रशासन की मिलीभगत से हर प्रकार की सुविधा मिलती है.

जानकारी के अनुसार जब भी जेल में छापेमारी होती है तब वहां से मोबाइल, सीम कार्ड सहित इस प्रकार के समान बरामद भी होते रहे हैं. जिसके कारण जेल आइजी ने विशेष छापेमारी का निर्देश देते हुए कहा है कि प्रत्येक माह जेल में छापेमारी व तलाशी अभियान होनी चाहिए. साथ ही जेल सुरक्षा में तैनात पुलिस बल व सैप के जवानों का निरंतर तबादला का भी निर्देश दिया. ताकि कैदियों के संपर्क में रहने वाले सुरक्षा गार्ड बाहरी वस्तु उन तक नहीं पहुंचा सके. बावजूद इसके मुंगेर जेल में कैदियों को मोबाइल जैसी सामग्री पहुंच रही है. जिसके माध्यम से कुख्यात अपराधी बाहरी दुनिया में अपना कारोबार चलाता है.

जेल से संचालित हो रहा अपराध : जेल से अपराध संचालित होने के कई प्रमाण मिल चुके हैं. एसपी आफिस से महज दो कदम दूरी पर एक रेस्टोरेंट में अपराधियों ने घूस पर उसके संचालक उत्तम शर्मा की हत्या कर दी थी. पुलिस का कहना था कि जेल से ही उसकी हत्या की साजिश पवन मंडल ने रची थी. इतना ही नहीं कुख्यात प्रशांत मिश्रा, सूरजा उर्फ झरकहवा, अमित मंडल जैसे जिले के दर्जनों कुख्यात अपराधी भी जेल से ही अपराध की घटना को संचालित करता रहा है. अपराधियों के मनोबल का आलम यह है कि जेल में बंद अपराधी जमालपुर के एक पूर्व थानेदार को भी मोबाइल पर धमकी दिया था.

जेलर भी जा चुके हैं जेल : वर्ष 2013 में जेल में हुए छापेमारी में 23 मोबाइल बरामद होने पर तत्कालीन जिलाधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह ने तत्कालीन जेलर अरुण कुमार सिंह को गिरफ्तार कर उसी जेल में बंद कर दिया था. वर्ष 2015 में भी जेल सुरक्षा में तैनात जिला बल के जवान लाल बाबू ठाकुर को कैदी को मोबाइल उपलब्ध कराते हुए पकड़ा था. मई 2016 में जेलर आलोक कुमार को महंगी सिगरेट पहुंचाने के आरोप में निलंबित कर दिया गया. बावजूद इसके जेल प्रशासन सुरक्षा के प्रति सतर्क नहीं है.

बरामद आपत्तिजनक समान

06 फरवरी 2016 : मुंगेर जेल में छापेमारी के दौरान तीन मोबाइल, दो मोबाइल चार्जर, सिगरेट, गांजा एवं सीएफएल बल्व में सेट मोबाइल डिवाइस व एयर फोन बरामद

18 जून 2016 : छापेमारी में 10 मेमोरी कार्ड, पेन ड्राइव व अन्य आपत्तिजनक समान बरामद

12 सितबंर 2016 : छापेमारी में दो मोबाइल, तीन सीम कार्ड व पांच पुड़िया गांजा बरामद

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