मुहर्रम पर निकला ताजिया जुलूस

तारापुर/संग्रामपुर : तारापुर एवं संग्रामपुर प्रखंड में मुसलिम भाईयों द्वारा मुहर्रम को लेकर ताजिया जुलूस निकाला गया. जुलूस में युवाओं ने अपने बेहतरीन कला का प्रदर्शन किया. जिसे देखने के लिए सड़क पर भीड़ उमड़ पड़ी. जिलाधिकारी उदय कुमार सिंह एवं एसपी आशीष भारती तारापुर पहुंच कर ताजिया जुलूस में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2016 12:42 AM

तारापुर/संग्रामपुर : तारापुर एवं संग्रामपुर प्रखंड में मुसलिम भाईयों द्वारा मुहर्रम को लेकर ताजिया जुलूस निकाला गया. जुलूस में युवाओं ने अपने बेहतरीन कला का प्रदर्शन किया. जिसे देखने के लिए सड़क पर भीड़ उमड़ पड़ी. जिलाधिकारी उदय कुमार सिंह एवं एसपी आशीष भारती तारापुर पहुंच कर ताजिया जुलूस में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. तारापुर प्रखंड क्षेत्र में सभी अखाड़ों का ताजिया का पहलाम पूरी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कर्बला में करा दिया गया.

मिल्की खानपुर, गाजीपुर, पुरानी बाजार, कोराजी का ताजिया देवगांव कचहरी के कर्बला पर पहलाम गुरुवार को कराया गया. जबकि लखनपुर से निकली ताजिया का पहलाम बुधवार की रात ही शांतिपूर्ण तरीके से शांतिनगर करबला में किया गया. जुलूस में परंपरागत तरीके से चैन, सिपल, तलवार, भाला का प्रदर्शन व करतब दिखाया गया. थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार जुलूस के साथ सुरक्षा बलों के साथ चलते रहे.विधायक मेवालाल चौधरी, एसडीओ शैलेंद्र कुमार भारती,

एसडीपीओ टीएन विश्वास भी सुरक्षा व्यवस्था की मॉनेटरिंग की. संग्रामपुर में मुसलिम समुदाय द्वारा संग्रामपुर बाजार, कुंआगढ़ी, कोराजी, पतघाघर, ददरीजाला गांवों में मुहर्रम का ताजिया जुलूस गुरुवार को निकाला गया. जुलूस में शामिल मुस्लिम भाईयों के साथ हिंदुओं ने भी सहयोग कर कलाबाजी का प्रदर्शन किया. मो. वारिस, मो. खुरशीद, मो. कुर्वान, मो. साहिल, मो. चांद, मो. समशूल ने बेहतरीन करतब दिखाये. ताजिया जुलूस के साथ हर जगह पुलिस सक्रिया थी. थानाध्यक्ष विश्वजीत कुमार सिंह गश्ती करते रहे.

लोगों ने मांगी गुनाहों की माफी
मुसलिम समुदाय के लोगों ने गुनाहों की माफी के लिए पाक मुहर्रम के दिन रोजा रखा तथा गुनाहों के लिए अल्ला-ताला से माफी मांगी. शिया समुदाय के लोगों ने हसन और हुसैन की शहादत को याद कर इस दिन की अहमियत बतायी. विदित हो कि आज ही के दिन से इस्लाम के पहले महीने की नई तारीख शुरू होती है. यह जानकारी राफिया एवं गुलकेश कमर ने दी. आफरीन परवीन ने बताया कि युनूस अलेह सलाम मुहर्रम के दिन मछली के पेट से सुरक्षित निकले थे.
वहीं बेबी फातिमा ने कहा कि नूह अलेह सलाम की कश्ती मुहर्रम के दिन ही किनारे लगी थी. जिसमें अल्लाह के फरमावदार शामिल थे और अल्लाह से बेफरमानी करने वालों की नाव डूब गयी थी. नौशीम तथा गुलफ्शा ने बताया कि मुहर्रम के दिन रोजा रखने वालों की सारे गुनाह माफ हो जाते हैं. इसलिए मुसलिम धर्मावलंबियों ने रोजा रखा और नियमपूर्वक पांच वक्त नमाज पढ़ा. कुरान शरीफ की आयतों का पाठ किया. इस मुहर्रम में शहर से कोई ताजिया जुलूस नहीं निकला जो धर्म के निर्देशानुसार उचित था.

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