डायरिया से अब तक एक दर्जन की मौत
हवेली खड़गपुर : स्वास्थ्य विभाग की बदहाल व्यवस्था के कारण खड़गपुर अनुमंडल में डायरिया से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अबतक एक दर्जन लोगों की जान डायरिया से हो चुकी है. वनवर्षा मुसहरी में अशोक मांझी की 35 वर्षीया पत्नी की मौत डायरिया से हो गयी. वर्तमान में प्रखंड के वनवर्षा […]
हवेली खड़गपुर : स्वास्थ्य विभाग की बदहाल व्यवस्था के कारण खड़गपुर अनुमंडल में डायरिया से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अबतक एक दर्जन लोगों की जान डायरिया से हो चुकी है. वनवर्षा मुसहरी में अशोक मांझी की 35 वर्षीया पत्नी की मौत डायरिया से हो गयी. वर्तमान में प्रखंड के वनवर्षा मुसहरी गांव में डायरिया का प्रकोप बढ गया है. बुधवार को भी डायरिया पीड़ित मुनिता कुमारी, नीतीश कुमार, गांधी टोला निवासी दिनेश दास को इलाज के लिए खड़गपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भरती किया गया.
किन-किन लोगों की हुई मौत : वनवर्षा मुशहरी में मंगलवार को अशोक मांझी की पत्नी की मौत डायरिया से हो गयी. इससे पूर्व प्रखंड के कुराबा निवासी बबलू दास का 9 वर्षीय पुत्र गौरव कुमार, अजय शर्मा का 5 वर्षीय पुत्र ईशान कुमार, तिलबरिया निवासी बिनोदी यादव की पत्नी, बड़की हथिया निवासी गाजो तुर्री 12 वर्षीय पुत्र नीरज कुमार व रौशन साह का 14 वर्षीय पुत्र नीतीश कुमार, खाजेचक मुशहरी निवासी तारिणी मांझी की 70 वर्षीय पत्नी सुंदरी देवी, रामदेव मांझी का 12 वर्षीय पुत्र साजन कुमार व अशोक तुर्री की सात वर्षीय पुत्री प्रेमा कुमारी, नोनाजी पंचायत के भलगुरी गांव में मदन यादव का चार वर्षीय पुत्री सीवन कुमारी व खुदिया गांव के शंकर यादव की चार वर्षीय पुत्री जूली कुमारी की मौत डायरिया से हो चुकी है.
कौन-कौन गांव हैं प्रभावित : वर्तमान में बनवर्षा गांव डायरिया से अधिक प्रभावित है. इसके अलावा बघैल, रारोडीह, जटातरी, हथिया, गोड़धोवा, मधुवन, रामनकवाद, खैरा, गोवड्डा, मोतीतरी, खाजेचक, मुरादे गांव भी डायरिया से प्रभावित रहा है.
कहते हैं चिकित्सक
डॉ आनंद मोहन शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में वनवर्षा गांव अत्यधिक प्रभावित है. उन्होंने डायरिया से हुई मौत का कारण फूड एंड फ्लूड को बताया. उन्होंने कहा कि अस्पताल में डायरिया के रोगी को हो रही फ्लूड की कमी के अनुपात स्लाईन चढ़ाया जाता है. उन्होंने बताया कि चापानल में हेलोजन की गोली डालकर या एक लीटर पानी में हेलोजन की एक गोली डालकर पानी को शुद्ध किया जा सकता है. क्षेत्र में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कर रोग पर काबू पाया जा सकता है.
कहते हैं पदाधिकारी
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एलबी गुप्ता ने बताया कि क्षेत्र में जाकर डायरिया पीडितों का ईलाज करना संभव नहीं है. जैसे ही डायरिया के प्रकोप का पता चलता है. वहां मेडिकल टीम भेजकर पीडितों को इलाज के लिए अस्पताल में भरती कराया जाता है. साथ ही बचाव के लिए अन्य रोगियों का चेकअप कर दवा देते हैं.
रोगी की जांच करते चिकित्सक.