24 घंटे में तीन नवजातों की मौत

लापरवाही. एसएनसीयू में ड्यूटी से अक्सर गायब रहते हैं चिकित्सक सदर अस्पताल की बदहाल व्यवस्था के कारण यहां जच्चा-बच्चा का जीवन सुरक्षित नहीं रह गया है. केंद्र की बदहाल स्थिति के कारण लगातार बच्चों की मौत हो रही. पिछले 24 घंटे के दौरान तीन नवजात ने दम तोड़ दिया. किंतु इस ओर स्वास्थ्य विभाग पूरी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 20, 2016 4:30 AM

लापरवाही. एसएनसीयू में ड्यूटी से अक्सर गायब रहते हैं चिकित्सक

सदर अस्पताल की बदहाल व्यवस्था के कारण यहां जच्चा-बच्चा का जीवन सुरक्षित नहीं रह गया है. केंद्र की बदहाल स्थिति के कारण लगातार बच्चों की मौत हो रही. पिछले 24 घंटे के दौरान तीन नवजात ने दम तोड़ दिया. किंतु इस ओर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह उदासीन बना हुआ है.
मुंगेर : सदर अस्पताल का एसएनसीयू इन दिनों भगवान भरोसे चल रहा है़ यहां पर इलाज के लिए भरती होने वाले नवजात लगातार काल के गाल में समाते जा रहे हैं. पिछले तीन दिनों में कुल 25 नवजात को भरती किया गया, जिसमें 4 नवजात की जान जा चुकी है़ परिजनों की मानें तो नवजात की जान चिकित्सकीय लापरवाही की वजह से हो रही है़ एसएनसीयू में नवजात को विशेष देखभाल के लिए भरती तो किया जाता है, किंतु यहां पर उसकी सामान्य देखभाल भी नहीं हो पाती है़
चिकित्सकीय लापरवाही से हुई नवजात की मौत: तोपखाना बाजार घसियार मोहल्ला निवासी मो इकराम की मां अख्तरी खातून ने बताया कि उसने अपने बहू अजमेरी खातून को प्रसव के लिए 12 अक्टूबर को सदर अस्पताल के प्रसव केंद्र में भरती कराया़ जहां अजमेरी ने जुड़वा संतान को जन्म दिया़ जिसमें लड़की का वजन 1.250 किलोग्राम था तथा लड़का का वजन 1.400 किलोग्राम पाया गया़ इस कारण दोनों ही नवजात को एसएनसीयू में भरती करवाया गया़
अजमेरी ने बताया कि उसने अपने शिशु को सिर्फ एक बार ही स्तनपान करवाया़ उसे नर्स ने यह कह कर दोबारा स्तनपान कराने से रोक दिया कि मां के दूध पीने से शिशु का पेट फूल गया है, अब वे तबियत में सुधार होने से पहले दोबारा शिशु को स्तनपान नहीं करा सकती और न ही उसे बाहर से ही दूध लाने को कहा गया़ 15 अक्टूबर की रात चिकित्सक तथा नर्स दोनों ही सोये हुए थे़ रात्रि में बच्चे के रोने की आवाज एक बार भी नहीं आयी़ सुबह 4 बजे नर्स ने बताया कि उसके एक शिशु की मौत हो गयी़ 17 अक्तूबर को उसके दूसरे शिशु की भी मौत हो गयी़ परिजनों का मानना है कि उसके शिशु की चिकित्सकीय जांच ठीक से नहीं हो पायी तथा शिशु को लंबे समय तक भूखा रखा गया, जिसके कारण दोनों ही शिशु की मौत हो गयी़ इस घटना ने सदर अस्पताल के चिकित्सकीय व्यवस्था से उसके विश्वास को ही खत्म कर दिया है़
पिछले तीन दिनों में गयी चार शिशुओं की जान
पीड़ित परिवार ने कहा, रात में नवजात की अनदेखी कर सो जाते हैं नर्स व चिकित्सक.
पिछले तीन दिनों में 4 नवजात की मौत
तिथि नवजात की भरती नवजात की मौत
17 अक्तूबर 19 1
18 अक्तूबर 5 3
19 अक्तूबर 1 0
कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक: अस्पताल उपाधीक्षक डॉ राकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है़ वैसे बीमार व समय से पहले जन्म लेने वाले नवजातों की मौत होना कोई नयी बात नहीं है़

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