अस्पताल में इलाज के लिए भटक रहे मरीज के परिजन

मुंगेर : सदर अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का घोर अभाव है. दुर्घटना में घायल महिला के इलाज के लिए उसके परिजन अस्पताल में भटक रहे हैं. बावजूद इसके कोई सुनने को तैयार नहीं है. घायल महिला का नाती अस्पताल की व्यवस्था से क्षुब्ध होकर कोतवाली थाने में सीएस व डीएस के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 21, 2016 3:29 AM

मुंगेर : सदर अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का घोर अभाव है. दुर्घटना में घायल महिला के इलाज के लिए उसके परिजन अस्पताल में भटक रहे हैं. बावजूद इसके कोई सुनने को तैयार नहीं है. घायल महिला का नाती अस्पताल की व्यवस्था से क्षुब्ध होकर कोतवाली थाने में सीएस व डीएस के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने पहुंच गया,

जहां से उसे भगा दिया गया. रोते-बिलखते वह अखबारों के दफ्तर पहुंचा. अपनी आपबीती सुनाई और कहा कि आखिर कौन उसके दर्द को समझेगा. कासिम बाजार थाना क्षेत्र के नवटोलिया बिंदवारा निवासी राजेंद्र यादव की पत्नी पंचा देवी बुधवार को मोटर साइकिल के धक्के में घायल हो गयी. उसे रात में इलाज के लिए मुंगेर सदर अस्पताल में भरती कराया गया. घायल महिला के नाती सुधाकर कुमार ने बताया कि एक तो गांव वालों ने मोटरसाइकिल चालक को भगा दिया और दूसरी तरफ मेरी घायल नानी का अस्पताल में इलाज नहीं किया जा रहा है.

रात लगभग 8 बजे अस्पताल लाया. जहां मलहम-पट्टी कर भगा दिया गया. काफी मशक्कत के बाद नानी के पैर का एक्सरे हुआ. लेकिन रिपोर्ट नहीं दिया गया. रात भर नानी के पैर से जख्म वाले स्थान से खून रिसता रहा. गुरुवार की सुबह आया तो डाक्टर साहब नहीं मिले. तीन घंटे तक सदर अस्पताल में भटकता रहा. सिविल सर्जन व डीएस के पास भी गया. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. मैं आक्रोशित होकर थाना भी गया. लेकिन वहां भी नहीं सुना गया. उसने अखबार के दफ्तर में आकर पूछा कि अगर उसकी नानी की मौत हो जाती है, तो इसके लिए कौन जिम्मेवार होगा. उसने बताया कि डेढ़ वर्ष पूर्व मेरे चचेरे मामा के नवजात बच्चे की मौत अॉक्सीजन के अभाव में मुंगेर सदर अस्पताल में हो गयी थी.

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