कचरे की दुर्गंध से जीना मुहाल गतिरोध. एनजीओ सफाइकर्मियों की हड़ताल जारी, परेशानी
नगर निगम के अधीन कार्यरत एनजीओ सफाईकर्मियों की हड़ताल गुरुवार को चौथे दिन भी जारी रही. इस कारण मुंगेर शहरी क्षेत्र में सड़क व नालों की साफ-सफाई बुरी तरह प्रभावित हुई. मुख्य बाजार को छोड़ शहर के बाकी इलाकों में गंदगी सड़ांध देने लगी है. मुख्य बाजार में नगर निगम के स्थायी सफाइकर्मी द्वारा सड़कों […]
नगर निगम के अधीन कार्यरत एनजीओ सफाईकर्मियों की हड़ताल गुरुवार को चौथे दिन भी जारी रही. इस कारण मुंगेर शहरी क्षेत्र में सड़क व नालों की साफ-सफाई बुरी तरह प्रभावित हुई. मुख्य बाजार को छोड़ शहर के बाकी इलाकों में गंदगी सड़ांध देने लगी है. मुख्य बाजार में नगर निगम के स्थायी सफाइकर्मी द्वारा सड़कों पर झाड़ू लगाने का कार्य किया जा रहा है, लेकिन वह ऊंट के मुंह में जीरा वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है. फलत: शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. ठोस पहल की जरूरत है.
मुंगेर : मुंगेर नगर निगम में लगभग 200 एनजीओ के सफाइकर्मी हैं जो सड़कों पर झाड़ू लगाने से लेकर नालियों की सफाई का काम करता है. एक ओर तो एनजीओ द्वारा इन्हें न्यूनतम मजदूरी से भी कम राशि का दैनिक भुगतान किया जाता है. दूसरी ओर इसे अन्य सुविधाएं भी नहीं मिलती. फलत: एनजीओ के तहत काम करने वाले सफाइकर्मी पिछले चार दिनों से हड़ताल पर हैं. उन लोगों की मांग है कि उन्हें बैंक खाते के माध्यम से मानदेय का भुगतान किया जाय. साथ ही जीपीएफ की कटौती एवं नगर निगम द्वारा सीधे मानदेय पर उन्हें बहाल किया जाय.
शहर में फैली गंदगी
सफाइकर्मियों के हड़ताल के कारण शहर के मुख्य बाजार से लेकर मुहल्ले व गलियों में कूड़ा-कचरा फैल रहा है. कई क्षेत्रों में जहां सड़कों पर न झाड़ू लग रहे और न ही जाम नालियों की सफाई हो रही. वहीं सड़क किनारे के कूड़े को उठा कर उसे डंपिंग यार्ड तक नहीं पहुंचाया जा रहा है. जिसके कारण शादी-विवाह के इस मौसम में सड़ांध की स्थिति बनती जा रही है. मुंगेर शहर के राइसर, जेड़बेहरा, मकससपुर, पुरानीगंज, बीचागांव, शादीपुर, शास्त्री चौक सहित कई क्षेत्रों में साफ सफाई का कार्य प्रभावित हुआ है.
नाक पर रूमाल रख गुजरते हैं लोग
एनजीओ कर्मी कर रहे विरोध
एनजीओ कर्मियों का हड़ताल पिछले चार दिनों से लगातार जारी है. हड़ताल के दौरान एनजीओ के कई सफाई कर्मी कार्य करना चाहते भी हैं तो दूसरे सफाइकर्मियों द्वारा विरोध किया जाता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को वार्ड नंबर 19, 26 एवं 23 में एनजीओ कर्मियों ने एक दूसरे कर्मियों को कार्य करने से रोक दिया और उसका विरोध किया. कर्मियों का कहना था कि जब हड़ताल है तो फिर काम क्यों.
एनजीओ कर्मी कर रहे विरोध
एनजीओ कर्मियों का हड़ताल पिछले चार दिनों से लगातार जारी है. हड़ताल के दौरान एनजीओ के कई सफाई कर्मी कार्य करना चाहते भी हैं तो दूसरे सफाइकर्मियों द्वारा विरोध किया जाता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को वार्ड नंबर 19, 26 एवं 23 में एनजीओ कर्मियों ने एक दूसरे कर्मियों को कार्य करने से रोक दिया और उसका विरोध किया. कर्मियों का कहना था कि जब हड़ताल है तो फिर काम क्यों.
वार्ड में गंदगी दिखी, तो कार्रवाई
एनजीओ के सफाइकर्मी के हड़ताल पर चले जाने के कारण सारा दारोमदार निगम के स्थायी कर्मचारियों के कंधे पर आ गया है. निगम प्रशासन का दावा है कि वे अपने संसाधन से ही सफाई कार्य को चुस्त-दुरुस्त रखेंगे. इसके लिए वार्ड जमादार को निर्देश दिया गया है कि किसी भी वार्ड में गंदगी पायी जाती है तो उस वार्ड के जमादार पर कार्रवाई की जायेगी. विदित हो कि निगम के 240 स्थायी सफाइकर्मी एवं एनजीओ के लगभग 200 सफाइकर्मियों से शहर में सफाई का कार्य नियमित रूप से कराया जाता है. किंतु एनजीओ के सफाइकर्मियों के हड़ताल के कारण अब शहर के 45 वार्डों की सफाई की जिम्मेदारी लगभग 200 स्थायी सफाइकर्मियों के जिम्मे है.
कहते हैं एनजीओ संचालक
नगर निगम के अधीन कार्यरत स्वयंसेवी संगठन महिला निकेतन के संचालक रूबी उपाध्याय का कहना है कि सफाइकर्मी हड़ताल पर जाने से पूर्व हमें कोई जानकारी नहीं दी. नगर निगम के स्थायी कर्मचारियों के हड़ताल के साथ ही वे लोग भी हड़ताल पर चले गये. जबकि सफाइकर्मियों को पिछले कई माह से बैंक खाता खोलने के लिए लिखित रूप से नोटिस किया गया है. उन्होंने नगर निगम सफाई कर्मचारी संघ पर उनके कर्मियों को दिग्भ्रमित करने का आरोप लगाया है.
कहते हैं नगर आयुक्त
नगर आयुक्त डॉ एसके पाठक का कहना है कि निगम अपने स्थायी कर्मियों से वार्ड में सफाई कार्य करा रही है. इसके लिए संबंधित वार्ड जमादार को निर्देश दिया गया है कि समुचित ढंग से सफाई कार्य कराये. इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बरदाश्त नहीं की जायेगी.