अनजान नहीं पहचान वाले को मिलती है शराब
मुंगेर : शराब बंदी के बावजूद मुंगेर शहर में जमकर शराब की बिक्री हो रही. फर्क सिर्फ इतना है कि यहां ” अनजान नहीं पहचान वाले को मिलती है शराब ”. यह कारोबार शाम के अंधेरे से प्रारंभ होती है जो देर रात तक जारी रहता है. नोट बंदी में भी 1000 व 500 के […]
मुंगेर : शराब बंदी के बावजूद मुंगेर शहर में जमकर शराब की बिक्री हो रही. फर्क सिर्फ इतना है कि यहां ” अनजान नहीं पहचान वाले को मिलती है शराब ”. यह कारोबार शाम के अंधेरे से प्रारंभ होती है जो देर रात तक जारी रहता है. नोट बंदी में भी 1000 व 500 के पुराने नोट पर शराब का जमकर कारोबार हुआ और एक शराब की बोतल 12 से 14 सौ रुपये दर तक बिक रही है. यदि आप उसके करीबी व खास हैं तो फोन पर होम डिलेवरी की सेवा भी उपलब्ध करायी जा रही.
पूरे प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी है और शराब के कारोबारियों एवं शराबियों के विरुद्ध अभियान चल रहा है. मुंगेर में भी बड़ी मात्रा में शराब की बरामदगी होती रही है. झारखंड, बंगाल, हरियाणा से लाकर शराब को मुंगेर में खपाया जा रहा. शराब के कुछ खेप पकड़े जा रहे तो अधिकांश बाजार में उपलब्ध कराया जा रहा है. हाल यह है कि मुंगेर शहर के जुबली वेल से आगे सादीपुर रोड में एक प्रसिद्ध मीट भंडार के समीप जहां शराब उपलब्ध हो रही. वहीं शहर के सादीपुर, पूरबसराय,
शंकरपुर, वासुदेवपुर, लाल दरवाजा, बिंदवारा, लल्लू पोखर सहित अन्य क्षेत्रों में शराब का कारोबार धड़ल्ले से हो रहा है. इस कारोबार में अधिकांश शराब की बोतल रॉयल स्टैग की होती है. जिसके 750 एमएल वाली बोतल की कीमत 12 से 14 सौ रुपये वसूली जाती है. लेकिन इस कारोबार का नया फंडा शहर में चल रहा है. जिसके किसी अनजान व्यक्ति को शराब उपलब्ध नहीं करायी जाती. हां आदतन पहचान वाले शराबियों को बिना झिझक के शराब मिल जाता है. इस कारोबार में छोटे-छोटे बच्चे का इस्तेमाल किया जा रहा जो निर्धारित स्थान पर शराब को पहुंचाता है. इसके बदले उसे 50 से 100 रुपये प्रति बोतल का भुगतान किया जाता है. इससे फरमूले से स्पष्ट होता है कि शराब माफियाओं के आगे पुलिस की सूचना तंत्र कमजोर पड़ रही है.