एक ही स्थान पर पंद्रह वर्षों से जमे हैं चिकित्सक

मुंगेर : स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली लगातार सवालों के घेरे में घिरती जा रही है. एक ओर जहां बड़े पैमाने पर नर्सों व स्वास्थ्यकर्मियों के स्थानांतरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग बदनाम हुआ. वहीं दूसरी और अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र असरगंज में 15 वर्षों से पदस्थापित प्रभारी चिकत्सा पदाधिकारी पर सवाल उठाये जा रहे है. असरगंज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2016 3:53 AM

मुंगेर : स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली लगातार सवालों के घेरे में घिरती जा रही है. एक ओर जहां बड़े पैमाने पर नर्सों व स्वास्थ्यकर्मियों के स्थानांतरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग बदनाम हुआ. वहीं दूसरी और अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र असरगंज में 15 वर्षों से पदस्थापित प्रभारी चिकत्सा पदाधिकारी पर सवाल उठाये जा रहे है. असरगंज प्रखंड के लोगों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर पीएचसी प्रभारी पर चिकित्सक नहीं राजनीतिज्ञ के रूप में अधिक चर्चित है.

माधोपुर के शंभु कुमार यादव, जलालाबाद के बिक्की कुमार बिंद, गौतम कुमार चौधरी, सरौन के सीता देवी, सुनैना देवी, रहमतपुर बासा के सौरभ कुमार, धीरज कुमार ने कहा कि डॉ दिवाकर सिंह वर्ष 2000 में यहां चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में कार्यरत है. यहां वे चिकित्सक के रूप में नहीं बल्कि एक राजनीतिज्ञ के रूप में जाने जाते है. ये स्थानीय राजनीति में ज्यादा दिलचस्पी लेते है. दिन के एक बजे वे अस्पताल पहुंचते है. जबकि अस्पताल परिसर बने आवास पर उनका दरबार लगता है. वे रोस्टर के हिसाब से एक दिन भी ड‍्यूटी नहीं करते है. इनके बदले यहां के दंत चिकित्सक ओपीडी रजिस्टर पर मरीज देखते है.
जो विभाग और मरीज के साथ धोखा है. ग्रामीणों ने कहा कि ओपीडी में खराब प्रदर्शन के कारण ही पूर्व जिलाधिकारी 16 फरवरी को प्रभारी चिकित्सा पदधिकारी का अगले आदेश तक रोकने का निर्देश दिया था. पूर्व के सिविल सर्जन ने इन्हें निलंबित भी किया. लेकिन पैरवी के बल पर वे प्रभारी बने बैठे है. ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से जांच कर उचित कार्रवाई की मांग की.
कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ श्रीनाथ ने कहा कि पीएचसी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी का पोस्टिंग स्थानांतरण पटना मुख्यालय से होता है. इसमें हमारे स्तर से कुछ नहीं होता है.

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