एएसपी पर हो चुका है हमला

मुंगेर : मुंगेर में पत्थर माफियाओं द्वारा पुलिस पर हमले की यह पहली घटना नहीं है. इससे पूर्व भी वर्ष 2009 में जब बिहार के चर्चित आइपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे जमालपुर में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित थे, तो उन्होंने पत्थर माफियाओं के विरुद्ध अभियान चलाया था. उस समय भी पत्थर माफियाओं ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2016 5:00 AM

मुंगेर : मुंगेर में पत्थर माफियाओं द्वारा पुलिस पर हमले की यह पहली घटना नहीं है. इससे पूर्व भी वर्ष 2009 में जब बिहार के चर्चित आइपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे जमालपुर में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित थे, तो उन्होंने पत्थर माफियाओं के विरुद्ध अभियान चलाया था. उस समय भी पत्थर माफियाओं ने उन्हें अपना टारगेट बनाते हुए सफियासराय में उन पर हमला किया था. जिसमें वे घायल हो गये थे. साथ ही पुलिस जीप भी क्षतिग्रस्त हो गया था. इस घटना की प्राथमिकी नयारामनगर (सफियाबाद) थाना में दर्ज किया गया था.

इन क्षेत्रों में हो रहा पत्थर का उत्खनन
मुफस्सिल थाना क्षेत्र के पीरपहाड़, मुरली पहाड़, बाकरपुर पहाड़, बरदह पहाड़ पर आज भी अवैध उत्खनन हो रहा है. इतना ही नहीं धरहरा एवं हवेली खड़गपुर में अवैध पत्थर व मोरंग उत्खनन का धंधा फल-फूल रहा है. रोक के बावजूद पत्थर माफियाओं द्वारा बड़े पैमाने पर रात के अंधेरे में उत्खनन का कार्य किया जाता है. धरहरा प्रखंड के बंगलवा, माताडीह, मनकोठिया, लकड़कोला, अमरासनी पहाड़, गौरेया में रात के अंधेरे में पत्थर उत्खनन का कार्य किया जाता है. इतना ही नहीं हवेली खड़गपुर के ऋषिकुंड पहाड़ में भी बड़े पैमाने पर पत्थर उत्खनन का कार्य चल रहा है. बताया जाता है कि पहाड़पुर के रास्ते जहां इन पत्थरों को निकाला जा रहा है. वहीं बिलिया, जवायत के रास्ते रोजना 100 से अधिक ट्रैक्टर पत्थर लदा पार किया जाता है. इतना ही नहीं पतघाघर से अवैध मोरंग भी निकाला जा रहा है. कहा जाता है कि लाखों रुपये के रोजाना मोरंग का कारोबार होता है.

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