प्रसव जांच कराने के लिए 12 किमी दूर जाती हैं महिलाएं
उदासीनता. कुतलुपुर में कागज पर चल रहा तीन पीएचसी कुतलुपुर पंचायत के 13,000 की आबादी पर विभाग ने तीन प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र तो खोल दिये, किंतु चिकित्सा सेवा बदहाल है. स्थिति यह है कि महिलाआें को प्रसव पूर्व जांच कराने के लिए 12 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. मुंगेर : एक ओर जहां सरकार समाज […]
उदासीनता. कुतलुपुर में कागज पर चल रहा तीन पीएचसी
कुतलुपुर पंचायत के 13,000 की आबादी पर विभाग ने तीन प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र तो खोल दिये, किंतु चिकित्सा सेवा बदहाल है. स्थिति यह है कि महिलाआें को प्रसव पूर्व जांच कराने के लिए 12 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है.
मुंगेर : एक ओर जहां सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं के पहुंचाने के दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण जिले के ही एक बड़ी आबादी को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही है. कुतलुपुर पंचायत के वार्ड संख्या 3 के पंच सदस्य पंकज कुमार सिंह, वार्ड संख्या 18 की सदस्य कलावती देवी, वार्ड संख्या 16 के पंच रामानुज सिंह, वार्ड संख्या 13 की सदस्य उषा देवी, वार्ड संख्या 17 के सदस्य चमकलाल यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधियों तथा दर्जनों ग्रामीणों ने लिखित आवेदन देते हुए जिलाधिकारी तथा प्रमंडलीय आयुक्त को पंचायत की खोखली स्वास्थ्य सेवाओं से रूबरू कराया है़
बताया गया कि तीन प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्रों में चिकित्सक तो कभी आते ही नहीं, वहीं एएनएम भी पल्स पोलियाे की खुराक पिलाने तथा टीकाकरण के दौरान ही नजर आती है़ जबकि अन्य दिनों स्वास्थ्य सेवाएं कागजों पर ही संचालित होती है़ स्वास्थ्य उपकेंद्रों से आम जनों को छोटी- मोटी बीमारी तक का दवा नहीं मिलता है.
यहां के लोगों को इलाज कराने बेगूसराय जाना पड़ता है. क्योंकि मुंगेर जिले का यह पंचायत गंगा पार दियारा पर स्थित है. ग्रामीणों ने बताया कि बाबू राम सिंह टोला स्थित प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र मवेशियों के तबले में तब्दील हो चुका है़ कचहरी टोला मध्य भगवती स्थान के नजदीक निर्माणाधीन प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है़ वहीं तीसरा प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र जमीनडिगरी में एक किराये के मकान में संचालित हो रहा है़ जिसके किराये का भुगतान तो हो रहा है, किंतु इसका लाभ आम जनों को नहीं मिल रहा है.
प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र.