परंपरागत सोच में बदलाव से होगी औद्योगिक तरक्की

मुंगेर : औद्योगिक तरक्की के लिए प्रबंधन के परंपरागत सोच में बदलाव जरूरी है. इसके साथ ही सहयोग व संघर्ष से ही प्रबंधकीय व्यवस्था बेहतर बनती है. उक्त बातें आइटीसी कामगार यूनियन के अध्यक्ष प्रो अजफर शमशी ने शनिवार को आइटीसी के सभागार में जेवियर्स स्कूल ऑफ मैनेजमेंट जमशेदपुर से आये प्रबंधकीय छात्र-छात्राओं को संबोधित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2017 4:19 AM

मुंगेर : औद्योगिक तरक्की के लिए प्रबंधन के परंपरागत सोच में बदलाव जरूरी है. इसके साथ ही सहयोग व संघर्ष से ही प्रबंधकीय व्यवस्था बेहतर बनती है. उक्त बातें आइटीसी कामगार यूनियन के अध्यक्ष प्रो अजफर शमशी ने शनिवार को आइटीसी के सभागार में जेवियर्स स्कूल ऑफ मैनेजमेंट जमशेदपुर से आये प्रबंधकीय छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कही. मौके पर आइटीसी के शाखा प्रबंधक श्याम कृष्णन, एचआर मैनेजर उल्लास कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.

विदित हो कि जमशेदपुर मैनेजमेंट कॉलेज के पीजीडीएम एवं एचआरएम के सत्र 2015-17 एवं 2016-18 के छात्र-छात्रा आइटीसी में प्रबंधकीय जानकारी के लिए भ्रमण पर आये हुए हैं. इन छात्रों के लिए प्रबंधन की ओर से शनिवार को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें वर्तमान परिवेश में कामगार व प्रबंधन के बीच संबंध तथा उद्योग में प्रगति विषय पर व्याख्यान दिया गया. मुख्य अतिथि प्रो शमशी ने कहा कि प्रबंधकीय निर्णयों में कामगारों की सहभागिता अत्यंत ही जरूरी है
तभी उत्पादकता में वृद्धि होती है. कामगारों को अपने मेहनत का उचित पारिश्रमिक मिलना चाहिए. साथ ही उनके कल्याण, सुरक्षा की भी जिम्मेदारी प्रबंधन की होती है. सामाजिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन करते हुए ही हम बेहतर व्यवस्था प्रदान कर सकते हैं. उन्होंने समय-समय पर श्रमिकों का प्रशिक्षण, प्रोन्नति को भी आवश्यक बताया. कहा इससे उत्पादकता में वृद्धि होगी और राष्ट्र का विकास होगा. प्रो शमशी ने श्रमेव जयते के सिद्धांत को अपनाने की वकालत की. मौके पर आइटीसी प्रबंधन के अनुराग गुप्ता, रोहित शर्मा, राजा शेखर आदि मौजूद थे.

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