नगर निगम कार्यालय में की तालाबंदी

छठे वेतनमान के दर से बकाये पेंशन सूद समेत भुगतान करने सहित अन्य मांगों को लेकर तीन दिनों से नगर निगम के सेवानिवृत्त कर्मी आंदोलन कर रहे थे. इसी क्रम में गुरुवार को कर्मियों ने निगम कार्यालय के मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर कामकाज को ठप कर दिया. मुंगेर : नगर निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 20, 2017 9:22 AM
छठे वेतनमान के दर से बकाये पेंशन सूद समेत भुगतान करने सहित अन्य मांगों को लेकर तीन दिनों से नगर निगम के सेवानिवृत्त कर्मी आंदोलन कर रहे थे. इसी क्रम में गुरुवार को कर्मियों ने निगम कार्यालय के मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर कामकाज को ठप कर दिया.
मुंगेर : नगर निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने गुरुवार को निगम कार्यालय के मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर कामकाज को ठप कर दिया. इस दौरान एक भी निगमकर्मियों को कार्यालय के अंदर प्रवेश करने नहीं दिया गया. आंदोलित कर्मचारी छठे वेतनमान के दर से बकाये पेंशन सूद समेत भुगतान करने सहित अन्य मांगों को लेकर पिछले तीन दिनों से आंदोलन कर रहे थे. बाद में सदर अनुमंडल पदाधिकारी कुंदन कुमार, नगर आयुक्त श्यामल किशोर पाठक एवं मेयर कुमकुम देवी के हस्तक्षेप से तीन घंटे बाद निगम कार्यालय का ताला खोला गया और आंदोलित सेवानिवृत्त कर्मियों के साथ अधिकारियों ने वार्ता की.
ढाई घंटे चली वार्ता के बाद खत्म हुआ आंदोलन
तालाबंदी की सूचना पर पहुंचे सदर एसडीओ डॉ कुंदन कुमार, महापौर कुमकुम देवी एवं नगर आयुक्त डॉ एसके पाठक नगर निगम पहुंचे और सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए बुलाया. ढाई घंटे तक चली वार्ता के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों के मांगों पर सहमति बनी और आंदोलन को समाप्त कराया गया.
वार्ता के दौरान सशक्त स्थायी कमेटी के सदस्य पार्षद गोविंद मंडल, सुजीत पोद्दार, रवीश चंद्र वर्मा, फैसल अहमद रूमी एवं सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ के महामंत्री मो. जैनुल आवेदिन, मंत्री रंजन यादव, ब्रह्मदेव मंडल, अमर राय, विजय कुमार साह सहित निगम के कर्मी मौजूद थे.
वार्ता में निर्णय लिया गया कि 15 फरवरी 2017 तक भविष्यनिधि की अंशदायी की राशि जमा नहीं करने वाले सेवानिवृत्ति कर्मियों को छोड़ कर शेष बचे सेवानिवृत्त कर्मी को अप्रैल 2015 का पेंशन का लाभ दिया जायेगा. राशि के उपलब्धता पर बकाया पेंशन देने पर विचार किया जायेगा.
पीएफ राशि जो जमा नहीं हुई है इसकी जांच एवं गणना के लिए तीन माह का समय देने पर सहमति बनी.पंचम वेतन के आधार पर सेवानिवृत्त कर्मियों का उपादान, उपार्जित अवकाश की राशि का भुगतान किया जायेगा.
एसीपी का लाभ विभागीय निर्देश के बाद विचार किया जायेगा.
1983 से 1989 एवं 1990 से 1997 तथा 1997 अप्रैल से 2007 तक कर्मीका अंतर वेतन नहीं देने की बात कही गयी. इसके लिए जांच समिति का गठन करने का निर्णय लिया गया. इसमें संघ के नामित सदस्य को रखा गया है.
1 अप्रैल 2017 से कार्यरत कर्मियों के वेतन के साथ-साथ सेवानिवृत्त कर्मियों के पेंशन का भी भुगतान किया जायेगा.

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