भीमबांध होगा विकसित प्रशासनिक तैयारी प्रारंभ
चार को आयुक्त ने बुलायी मुंगेर व जमुई के अधिकारियों की बैठक मुंगेर : प्रकृति के बीच पहाड़ व जंगल की गोद में अवस्थित भीमबांध को विकसित करने की प्रशासनिक तैयारी प्रारंभ हो गयी है. 18 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भीमबांध भ्रमण के बाद जहां इसके पर्यटक स्थल के रूप में सुसज्जित करने […]
चार को आयुक्त ने बुलायी मुंगेर व जमुई के अधिकारियों की बैठक
मुंगेर : प्रकृति के बीच पहाड़ व जंगल की गोद में अवस्थित भीमबांध को विकसित करने की प्रशासनिक तैयारी प्रारंभ हो गयी है. 18 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भीमबांध भ्रमण के बाद जहां इसके पर्यटक स्थल के रूप में सुसज्जित करने की संभावना बढ़ गयी है. वहीं क्षेत्र के लोगों को अब यह उम्मीद है कि एक बार फिर गर्म जल के कुंड के लिए प्रसिद्ध यह क्षेत्र सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करेगा. चार फरवरी को मुंगेर के प्रमंडलीय आयुक्त नवीन चंद्र झा ने मुंगेर व जमुई जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ इसको लेकर आवश्यक बैठक बुलायी है.
मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भीमबांध को विकसित करने के लिए हरी झंडी दे दी है. उन्होंने दो जिलों में विभक्त इस क्षेत्र के विकास की रूपरेखा तैयार करने का दायित्व प्रमंडलीय आयुक्त को सौंपा था. साथ ही बैठक में मौजूद वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह एवं जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह को अपने एक्सपर्ट से इस क्षेत्र का सर्वे कराने का निर्देश दिया था. मुख्यमंत्री के निर्देश के आलोक में प्रमंडलीय आयुक्त ने मुंगेर एवं जमुई जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही
विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक बुलायी है, ताकि भीमबांध को विकसित करने की रूपरेखा तैयार की जा सके. विदित हो कि भीमबांध को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए 2004 में ही योजना बनायी गयी थी. इसके तहत भीमबांध में पर्यटकों की सुविधा के लिए काटेज, स्वीमिंग पुल, 100 कमरा का भवन, क्रीड़ा स्थल के अलावा एक आदिवासी गांव को कलात्मक दृष्टि से विकसित किया जाना था. साथ ही 15 किलोमीटर तक के क्षेत्र के लिए ट्रेकिंग व पर्यटक थाना की स्थापना की जानी थी. योजना के लिए स्वीकृत आठ करोड़ में से चार करोड़ रुपये मुंगेर जिला प्रशासन को उपलब्ध भी करा दिया गया था. पर पांच जनवरी
2005 को भीमबांध परिक्षेत्र में मुंगेर के तत्कालीन आरक्षी अधीक्षक केसी सुरेन्द्र बाबू सहित छह पुलिस कर्मियों की लैंड माइंस विस्फोट कर नक्सलियों द्वारा हत्या किये जाने के बाद यह योजना खटाई में पड़ गयी. वैसे अब स्थिति सामान्य हो चुकी है और भीमबांध के अंदर सीआरपीएफ कैंप बनाये जाने से नक्सली गतिविधि भी खत्म हो गयी है. साथ ही मुख्यमंत्री के आगमन के बाद अब इसके विकास की संभावना बढ़ गयी है.