परमब्रह्म ही एकमात्र सर्वमान्य विराट सत्ता

श्रद्धा. प्रवचन व कीर्तन के साथ तीन दिवसीय धर्म महासम्मेलन का हुआ समापन आनन्दमार्ग प्रचारक संघ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय धर्म महासम्मेलन के अंतिम दिन रविवार को आयोजन स्थल जेएसए ग्राउंड साधकों तथा अनुआयियों से खचाखच भरा रहा. इस दौरान पुरोधा प्रमुख आचार्य विश्वदेवानन्द अवधूत के प्रवचन के साथ ही 72 घंटों का अखंड कीर्तन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 27, 2017 5:12 AM

श्रद्धा. प्रवचन व कीर्तन के साथ तीन दिवसीय धर्म महासम्मेलन का हुआ समापन

आनन्दमार्ग प्रचारक संघ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय धर्म महासम्मेलन के अंतिम दिन रविवार को आयोजन स्थल जेएसए ग्राउंड साधकों तथा अनुआयियों से खचाखच भरा रहा. इस दौरान पुरोधा प्रमुख आचार्य विश्वदेवानन्द अवधूत के प्रवचन के साथ ही 72 घंटों का अखंड कीर्तन का समापन हो गया. जबकि तीन जोड़ों का विप्लवी विवाह के साथ ही कई कार्यक्रमों भी आयोजन हुए.
जमालपुर : जमालपुर. पुरोधा प्रमुख आचार्य विश्वदेवानन्द अवधूत विराट जादूगर विषय पर अपना प्रवचन देते हुए कहा कि परमब्रह्म ही एक मात्र परम सत्ता है, जो सभी लोकों पर शासन करता है और सभी सत्ताओं के भीतर गोपनीय रूप से रहता है और अंत में प्रलय काल में सभी को अपने में संकुचित कर लेता है. विराट सत्ता कैसा है, इस संबंध में वैदिक ऋषियों के ऋचाओं का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि ईश्वर वस्तुत: जालवान हैं, क्योंकि वे जाल से युक्त हैं.
वे मायाजाल से युक्त हैं, मायावी हैं तथा जालवान हैं. अपने जालशक्ति से सबों को मायाजाल में वश कर रखते हैं. अपने ऐश्वर्यों द्वारा सप्तलोकों को नियंत्रित करते हैं. बाबा आनन्दमूर्ति ने कहा है कि जिस प्रकार कोई जादूगर अपना जादू दिखाने के समय दर्शकों को ध्यान काला कपड़ा या चमेता ऐनक या ताली बजवा कर खींच लेता है और उनके मन को अपनी कल्पना शक्ति से स्तंभित कर देता है और दर्शक तालियां बजाता है. परंतु जादूगर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता,
उसी प्रकार परमपुरुष भी इस जादुई इस सृष्टि रूपी जादुई लीला में जीवों को नचा रहे हैं किंतु वे इससे निर्लिप्त रहते हैं. परमपुरुष की विराटत्व को समझाते हुए उन्होंने ग्रह, नक्षत्र तथा तारों सहित ब्लैक होल के बारे में विस्तार से समझाया. उन्होंने आनन्दमूर्ति के जीवन काल की विभिन्न घटनाओं का वर्णन करते हुए कहा कि आज हार्मोन्स का प्रयोग कर लिंग परिवर्तन किया जाता है, परंतु बाबा ने बहुत पहले ही इसका डेमोस्ट्रेशन किया था. परंतु डेमोस्ट्रेशन के बाद वे साधक को वास्तविक रूप में ला देते थे. बहुत दिनों बाद ऐसा जादूगर आया, जिन्होंने लोगों को मोहित किया. जीवन का नया दर्शन दिया दिया, जिसका कायल आज पूरी दुनिया है.
पूरे आयोजन का हुआ वेवकास्टिंग
संचार माध्यम की लोकप्रियता धर्म महासम्मेलन में देखा गया. तीन दिवसीय इस आयोजन के दौरान आनन्दमार्ग दूर-दराज में संघ के प्रचार-प्रसार में जुटे साधक-साधिकाओं एवं मार्गियों को शोसल मीडिया द्वारा आयोजन के विभिन्न कार्यक्रमों से जोड़ रखा. पुरोधा प्रमुख के प्रवचनों से लेकर अन्य आयोजनों का वेवकास्टिंग किया गया. इस कार्य को केंद्रीय जन संपर्क सचिव आचार्य हरीशानन्द अवधूत तथा सेक्टोरियल जनसंपर्क सचिव आचार्य सत्यश्रेयानन्द अवधूत ने बखूबी अंजाम दिया.

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