जल-स्तर नीचे जाने से गहराया पेयजल संकट

संग्रामपुर : लगातार बढ़ रही गरमी से प्रखंड के ददरीजाला पंचायत के कई गांवों में गंभीर पेयजल संकट पैदा हो गया है. मनुष्य तो किसी तरह इधर-उधर से पानी का जुगाड़ कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. परंतु पशु-पक्षियों के लिए एक मात्र महनाय नदी ही है. जिसमें गड्ढा खोद कर उनकी प्यास मिटाने का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 23, 2017 4:14 AM

संग्रामपुर : लगातार बढ़ रही गरमी से प्रखंड के ददरीजाला पंचायत के कई गांवों में गंभीर पेयजल संकट पैदा हो गया है. मनुष्य तो किसी तरह इधर-उधर से पानी का जुगाड़ कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. परंतु पशु-पक्षियों के लिए एक मात्र महनाय नदी ही है. जिसमें गड्ढा खोद कर उनकी प्यास मिटाने का प्रयास किया जा रहा है. भिखाडीह, सरकटिया, महेशपुर, भलुआ गांवों में जलस्तर में गिरावट आने के कारण कुएं शुरुआती दौर में ही सूख गये. सरकार द्वारा चलाये गये प्राय: सभी चापाकल भी दम तोड़ चुके हैं. इससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित होता जा रहा है.

भिखाडीह गांव के डोमन यादव, रेखा देवी, पंकज पांडेय ने कहा कि सरकारी चापाकल लगने में बरती गयी अनियमितता के कारण ही पानी नहीं निकल पाता है. हर घर के लोग पहले सुबह उठते ही दिन भर के पीने के पानी की व्यवस्था में लग जाते हैं. महनाय नदी में 4-5 फीट गड्ढा खोद कर पानी निकलता है. इसी से पीने के पानी के साथ-साथ पशु-पक्षियों का जीवन बच रहा है. सरकटिया गांव निवासी सरपंच सुनील दास कहते हैं कि सभी चापाकल दम तोड़ चुका है. इस गांव में जब भी बोरिंग चलता है तो हर घर का निजी चापाकल भी दम तोड़ने लगता है. ददरीजाला पंचायत समिति सदस्य सह प्रखंड प्रमुख भुनेश्वर मांझी ने बताया कि पंचायत समिति के पास कोई फंड नहीं है. सात निश्चय योजना का लाभ कब मिलेगा, पता नहीं.
कहते हैं कनीय अभियंता
पीएचइडी के कनीय अभियंता सुद्धु लाल ने कहा कि यह पहाड़ी इलाका है. अक्सर चापाकल जलस्तर की गिरावट के कारण बंद हो रहे हैं. इन्हें जल्द ही मरम्मत करा दिया जायेगा.

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