जेठ की दोपहरी जला रही पांव

उफ गरमी. पारा @ 42 डिग्री सेल्सियस, लोग प्यास से हो रहे बेहाल मुंगेर : पिछले तीन दिनों से चिलचिलाती धूप ने लोगों के चेहरों की रंगत बिगाड़ कर रख दी है. महिलाएं और युवतियां तेज धूप से बचाव के लिए जहां छाता के साथ चेहरे को ढक कर ही बाहर निकल रही है, वहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 23, 2017 4:14 AM

उफ गरमी. पारा @ 42 डिग्री सेल्सियस, लोग प्यास से हो रहे बेहाल

मुंगेर : पिछले तीन दिनों से चिलचिलाती धूप ने लोगों के चेहरों की रंगत बिगाड़ कर रख दी है. महिलाएं और युवतियां तेज धूप से बचाव के लिए जहां छाता के साथ चेहरे को ढक कर ही बाहर निकल रही है, वहीं बड़े-बुजुर्ग और युवकों ने टोपी, गमछा का सहारा ले लिया है. जेठ की दोपहरी में आसमान से आग बरस रही है और झुलसा देने वाली गरमी के बीच सड़कों पर सन्नाटा छाया रहा. यूं तो रविवार को मुंगेर में निगम चुनाव के कारण भाग-दौड़ होती रही. मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार तापमान में फिलहाल लगातार बढ़ोतरी होने की संभावना है, जो अगले सप्ताह 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जायेगा़
हालांकि सोमवार को अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया़
चिलचिलाती धूप में झुलस रहे लोग: हिन्दी फिल्म का एक चर्चित गीत ‘जेठ की दोपहरी में पांव जले है…’ इन दिनों की चिलचिलाती धूप पर बिल्कुल सटीक है़ धरती तवे के समान तप रही है, मानो आसमान से आग की बरस रही है़ नंगे पांव तो दूर लोग चप्पल-जूते पहन कर भी दोपहर में पैदल चलने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं. बाइक सहित अन्य खुले वाहनों से सफर करने वाले लोग भी इस चिलचिलाती धूप में झुलस रहे हैं.
उमस भरी गरमी बरपा रही कहर, लोग परेशान
उमस भरी गरमी और चिलचिलाती धूप में घरों से बाहर निकलना काफी खतरनाक हो गया है़ चेहरे सहित शरीर के अन्य अंगों पर दाने निकलने लगे हैं. जिससे चेहरों में जलन होने लगी है़ ऊपर से उमस भरी गर्मी इस कदर सता रही है कि लोग बेहाल हैं. दोपहर के समय बिजली चले जाने पर लोग घरों के बाहर बैठ कर हाथ के पंखों के सहारे हवा ले रहे हैं. उमस के मारे छोटे छोटे बच्चों से लेकर बड़े-बूढ़ों सभी का हाल बेहाल है. घरों में लगे कूलर व पंखे तक राहत नहीं दे पा रहे. लोग पसीने-पसीने हो रहे हैं. सबसे ज्यादा दिक्कत स्कूली बच्चों को हो रही है. दोपहर के वक्त बच्चे चिलचिलाती धूप में किसी तरह घर पहुंच रहे हैं.
अगले एक सप्ताह में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना
ठंडे पेय पदार्थों की बढ़ी डिमांड
यू तो गरमी आते ही लोगों का ध्यान ठंडई पर चला जाता है़ किंतु पिछले कुछ दिनों से तपिश इस कदर बढ़ गयी है, कि लोग नाश्ते व भोजन से अधिक ठंडे पेय पदार्थों पर ही अधिक आकर्षित हो रहे हैं. जिसके कारण बाजार में कोल्ड-ड्रिंक्स व दही से बने लस्सी की डिमांड काफी बढ़ गयी है़ हालांकि इन दिनों लू का प्रकोप भी काफी बढ़ा हुआ है़ इससे बचने के लिए लोग आम के शरबत का प्रयोग खूब कर रहे हैं.
गरमी से संक्रामक रोगों का बढ़ा खतरा
जेठ महीने में चिलचिलाती धूप व उमस भरी गरमी से आम लोग जहां परेशान हैं, वहीं संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा भी बढ़ गया है़ ऐसे में सावधानी बरतना व समय से उपचार ही इससे निबटने का बेहतर साधन है. चिलचिलाती धूप व पसीने से तर-ब-तर की स्थिति में कदापि पानी नहीं पीना चाहिए. कुछ देर आराम करने के बाद ही ठंडा पानी का सेवन करें. इससे तबीयत के खराब होने का खतरा नहीं रहता है. साथ ही संक्रामक बीमारियों से भी छुटकारा पाया जा सकता है़
अगले पांच दिनों का संभावित तापमान
तिथि अधिकतम न्यूनतम
23 मई 42 डिग्री से. 28 डिग्री से.
24 मई 43 डिग्री से. 29 डिग्री से.
25 मई 43 डिग्री से. 29 डिग्री से.
26 मई 44 डिग्री से. 31 डिग्री से.
27 मई 45 डिग्री से. 32 डिग्री से.
संक्रामक रोग के लक्षण
सिर में तेज दर्द, जुकाम, खांसी आना, बुखार के साथ उलटी होना
उलटी-दस्त के बाद कमजोरी महसूस होना
शरीर में कंपकंपी तत्पश्चात तेज बुखार होना
कई-कई दिन तक सिर्फ रात में बुखार आना
बचाव के उपाय
बाजार की खुली चीजों का सेवन न करें.
सुबह-शाम भरपूर कपड़े पहनें व शरीर ढक कर चलें
धूल, धुआं व धूप से बचाव के लिए तौलिए का प्रयोग करें
बाजार की तली व खुली खाने-पीने की चीजों का प्रयोग न करें
बिना धुले व साफ-सफाई के किसी चीज का सेवन न करें
मच्छरों के प्रकोप से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें
उबला पानी या इंडिया मार्का हैंडपंप के पानी का ही प्रयोग करें

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