चांद का दीदार, सुबह के सहरी के बाद रोजा शुरू
शाम मगरिब की नमाज के बाद बादलों की ओट से दिखा चांद मुंगेर : रमजानुल मुबारक के चांद का दीदार होते ही मुसलिम भाइयों में खुशी की लहर दौड़ गयी. शाम मगरिब की नमाज के बाद बादलों की ओट से कुछ पलों के लिए चांद ने अपना मुखड़ा दिखाया. काफी लोग तो चांद की एक […]
शाम मगरिब की नमाज के बाद बादलों की ओट से दिखा चांद
मुंगेर : रमजानुल मुबारक के चांद का दीदार होते ही मुसलिम भाइयों में खुशी की लहर दौड़ गयी. शाम मगरिब की नमाज के बाद बादलों की ओट से कुछ पलों के लिए चांद ने अपना मुखड़ा दिखाया. काफी लोग तो चांद की एक झलक देखने को तरस गये. शनिवार को छतों से महिलाएं व बच्चे एक दूसरे को चांद देखने की पुष्टि करते देखे गये.
लोगों ने शाम से ही रमजानुल मुबारक माह की मुबारकबाद देनी शुरू कर दी. रमजानुल मुबारक का पवित्र माह रविवार से प्रारंभ हो जायेगा. रमजानुल मुबारक को सब्र करने का भी महीना कहते हैं. इस माह में नफ्ल का सवाब फर्ज के बराबर मिलता है और प्रत्येक फर्ज का सवाब 70 गुना बढ़ जाता है. अल्लाह तआला रोजेदारों के पिछले सारे गुनाह माफ कर देता है. जो लोग किसी रोजेदार को इफ्तार करवा देते हैं तो इस कारण उस व्यक्ति के तमाम गुनाह भी माफ हो जाते हैं.
अल्लाह तआला फरमाता है कि मोमिन की रोजी बढ़ा दी जाती है. रमजानुल मुबारक एक दूसरे के हमदर्दी का भी महीना है. सब्र करने का महीना है रमजानुल मुबारक रमजान त्याग का महीना कहा जाता है. अल्लाह ने अपने वंदों को बुराइयों को त्याग कर अच्छे मार्ग पर चलने का यह सुनहरा मौका प्रदान किया है. रोजा आत्मा की शुद्धता का सबसे उत्तम साधन है. अल्लाह भी अपने वंदों से यही उम्मीद करता है कि सब मिल-जुलकर रहे. सही मायनों में रमजान प्रेम का महीना है.