धरहरा
धरहरा प्रखंड के हेमजापुर में पदस्थापित सीएचओ ममता कुमारी ने विभाग को बिना लैपटॉप लौटाए राजस्थान में नर्सिंग अधिकारी के पद पर योगदान कर लिया है. हैरत की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग से जुडें तंत्र को इसकी जानकारी तक नहीं है. विभाग एक माह बाद उससे संपर्क करने का प्रयास कर रही है. जबकि ममता कुमारी व्हाटशप ग्रुप से भी जुड़ी हुई है.जानकारी के अनुसारी सीएचओ ममता कुमारी धरहरा प्रखंड के हेमजापुर में पिछले चार साल से पदस्थापित थी. लेकिन उसकी प्रतिनियुक्ति जिला स्वास्थ्य में थी. ममता ने हाल के दिनों में राजस्थान में नर्सिंग अधिकारी के पद पर योगदान दिया है तो विभाग में खलबली मची है कि ममता लैपटॉप नहीं लौटाई है और विभाग पत्र जारी कर लगातार लैपटॉप लौटाने का दबाब बना रहे हैं. पत्र में कहा गया है कि या तो आप लैपटॉप लौटायें अथवा उसका डीडी बनाकर जिला स्वास्थ्य समिति को जमा करें. अन्यथा इस्तीफा मंजूर नहीं किया जायेगा. अब सवाल उठ रहा है कि ममता ने बिना एनओसी के कैसे नर्सिंग अधिकारी पद पर योगदान दे दिया.
कहते हैं डीपीएम
डीपीएम फैजान अशरफी ने कहा कि एचडब्ल्यूसी हेमजापुर की सीएचओ को लेकर कोई एनओसी जारी नहीं किया गया है. अगर वे लैपटाप या संबंधित मूल्य का डीडी नहीं सौंपती है तो कार्रवाई की जाएगी. इधर प्रभारी डॉ अविनाश कुमार ने कहा कि सीएचओ ने अपना प्रभार हेमजापुर में कार्यरत एएनएम को और कैश-बुक एकाउंटेंट को सौंपा है. जबकि बिना लैपटॉप सौंपे और एनओसी लिये ही योगदान देने चली गई है. उनका एनओसी जारी नहीं हुआ है.
कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने कहा कि कोई भी कर्मचारी सरकारी संपत्ति और सामग्री को वापस किए बिना त्याग-पत्र नहीं दे सकता है. उसके त्याग-पत्र को स्वीकृत नहीं किया गया है. सरकारी सामग्री वापस नहीं हुई तो विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी.
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