शहीद अहीर यादव सैनिकों के सम्मान में अहीर सैनिक रेजिमेंट का हो गठन
120 अहीर जवानों ने न सिर्फ चीनी सेना के सैलाब को रोका.
अहीर शौर्य दिवस पर याद किये गये रेजांगला के शहीद सैनिक मुंगेर शीतल महाशय मेमोरियल सोसाइटीज के तत्वावधान में सोमवार को पूरबसराय छात्रावास में 1962 के रेजांगला के शहीदों की याद में अहीर शौर्य दिवस समारोह मनाया गया. उसकी अध्यक्षता राजकीय सम्मान से सम्मानित शिक्षक कैलाश प्रसाद यादव ने की. उपस्थित लोगों ने शहीद भारतीय सैनिक को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजली दी. उन्होंने कहा कि 1962 के रेजांगला लड़ाई अपने आप में अनुठी थी. जहां 13 कुमाऊं की चार्ली कंपनी जिसे अहीर कंपनी भी कहा जाता था. क्योंकि सभी अहीर यानी यादव थे. 120 अहीर जवानों ने न सिर्फ चीनी सेना के सैलाब को रोका. बल्कि चीनी सेना को एकतरफा युद्ध विराम की घोषणा करने के लिए मजबूर कर दिया. इसमें 114 अहीर सैनिकों ने देश की सुरक्षा में अपनी शहादत दी. लेकिन शहीद होने से पहले 1300 चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया. इसीलिए इस दिन को पुरे देश में यादव शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. आज भी उन शहीद सैनिकों के याद में रेंजगला घाटी में बने स्मारक उनके वीरगाथा की याद दिलाता है. उपस्थित लोगों ने भारत सरकार से मांग किया की अन्य भारतीय सैनिक रेजिमेंट की तरह अहीर सैनिक रेजिमेंट का गठन कर उन शहीद भारतीय सैनिक को सम्मान देने का काम करें. मौके पर यादव छात्रावास के महामंत्री मनीष कुमार, कोषाध्यक्ष शिशिर कुमार लालू, डॉ रणधीर यादवेंदु, भूतपूर्व सैनिक मुकेश सक्सेना, नंदलाल यादव, पुर्व एसआई बिपीन यादव, सुजीत कुमार, मुकेश कुमार, अमित कुमार, मानव मनप्रीत, प्रीति कुमारी सहित अन्य मौजूद थी.
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