मुंगेर. जिले भर में शुक्रवार को अक्षय तृतीय का त्योहार मनाया जायेगा. कहा जाता है कि जिसका कभी क्षय न हो, उसे अक्षय कहते हैं. वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है. शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है. इस दिन कोई भी शुभ कार्य का शुभारंभ किया जा सकता है. इस तिथि को कोई खास वस्तु की खरीदारी के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. वहीं अक्षय तृतीया के दिन लोग विशेष रूप से गंगा स्नान व पूजा-अर्चना करते हैं. कहा जाता है कि इस तिथि को किये गये, धार्मिक अनुष्ठान का कभी क्षय नहीं होता तथा इसका फल हर हाल में मिलता है.
सुबह 5.13 से पूर्वाह्न 11.43 तक शुभ मुहूर्त:
पंडित प्रमोद मिश्रा ने बताया कि अक्षय तृतीया 10 मई शुक्रवार को प्रात: 4 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन 11 मई सुबह 2 बजकर 50 मिनट पर होगा. अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त 10 मई सुबह 5 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. वहीं अक्षय तृतीया की पूजा का समय 10 मई, 2024 सुबह 5 बजकर 13 मिनट से 11 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. ज्योतिष की दृष्टि में इन योगों को बेहद शुभ माना गया है. कहा जाता है कि ये सभी योग किसी भी शुभ कार्यों के लिए लाभकारी होते हैं.अक्षय तृतीय के दिन क्या करना शुभ:
अक्षय तृतीया के दिन सभी प्रकार के कार्य करने का विधान है. इस दिन प्रमुख रूप से स्वर्ण आभूषण या आवश्यकता के अन्य वस्तु, जैसे कंप्यूटर, मोबाइल, फ्रिज, गाड़ी सहित अन्य उपयोगी वस्तुओं की खरीदारी करना काफी फलदायक माना जाता है. इस दिन भूमि पूजन, गृह प्रवेश, पदभार ग्रहण या कोई नया व्यापार प्रारंभ करना काफी लाभप्रद होता है, पंडित प्रमोद मिश्रा ने बताया कि मुहूर्त शास्त्र में इस तिथि को अत्यंत शुभ माना गया है. इस दिन दिये हुए दान और किये हुए यज्ञ, जप सहित अन्य शुभ कर्मों का फल अनंत और अक्षय (जिसका क्षय या नाश न हो) होता है. इसलिए इस तिथि का नाम अक्षय तृतीया रखा गया है. इस दिन गंगा-स्नान तथा भगवान श्री कृष्ण को चंदन लगाने का विशेष महत्व है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है