नामांकन नहीं होने पर आक्रोशित छात्र-छात्राओं ने किया सीताकुंड-मुंगेर मुख्य मार्ग को जाम व प्रदर्शन
नामांकन नहीं होने पर आक्रोशित छात्र-छात्राओं ने किया सीताकुंड-मुंगेर मुख्य मार्ग को जाम व प्रदर्शन
प्रतिनिधि, मुंगेर. उच्च विद्यालय सीताकुंड में वर्ग नवम में नामांकन नहीं लेने पर बुधवार को स्थानीय छात्र-छात्राओं का आक्रोश भड़क गया. छात्र-छत्राओं ने जहां विद्यालय के मुख्य गेट पर प्रदर्शन किया, वहीं मुंगेर-सीताकुंड मुख्य मार्ग को जाम कर दिया. आक्रोशित छात्र-छात्रा सरकार द्वारा जारी पंचायत के बच्चों का दूसरे पंचायत के स्कूलों में नामांकन नहीं लेने वाले अधिसूचना को वापस करने की मांग कर रहे थे. सूचना मिलते ही मुफस्सिल थाना पुलिस व शिक्षा विभाग के अधिकारी पहुंचे और बच्चों को समझा-बुझा कर जाम को खत्म कराया. बताया जाता है कि उच्च विद्यालय सीताकुंड में जब मंगलवार को नवम वर्ग में नामांकन कराने स्थानीय बच्चे पहुंचे तो विद्यालय प्रबंधन ने यह कहते हुए नामांकन लेने से इंकार कर दिया कि सरकार का निर्देश है कि जो बच्चे जिस पंचायत में है उसी पंचायत के उच्च विद्यालय में नामांकन कराना है. जिस पर छात्र-छात्राएं भड़क गयी और विद्यालय के समक्ष प्रदर्शन करने लगे. इतना ही नहीं विद्यार्थियों ने मुंगेर-सीताकुंड मुख्य मार्ग को विद्यालय के सामने ही जाम कर दिया. बच्चों ने अपनी-अपनी साइकिल को सड़क पर खड़ा कर दिया और सड़क पर ही धरने पर बैठ गये. आक्रोशित छात्र-छात्राओं ने कहा कि पास के ही मध्य विद्यालय सीताकुंड से वे लोग पास आउट है, लेकिन हमलोगों का नवम में उच्च विद्यालय सीताकुंड में नामांकन यहां नहीं लिया जा रहा है. जब घर से 50 मीटर की दूरी पर स्कूल है तो हम दो किलोमीटर का सफर तय कर स्कूल पढ़ने क्यों जायेंगे. सरकार को यह निर्णय वापस लेना होगा और हम सभी का इस विद्यालय में नामांकन करना होगा. तभी हमलोग सड़क पर से उठेंगे. स्थानीय लोगों ने कहा कि यह विद्यालय काफी पुराना है. पूर्व में यह विद्यालय मिर्जापुर बरदह और मय पंचायत में था, लेकिन नये परिसीमन में यह विद्यालय भले ही कटरिया पंचायत में चला गया है, लेकिन शीतलपुर, शिवगंज, दरियारपुर के बच्चों का सबसे नजदीकी विद्यालय है. सरकार का नियम लागू होता है तो दो-तीन किलोमीटर यहां के बच्चों को पढ़ने जाना होना. जिस कारण सैकड़ों बच्चों की पढ़ाई रुक सकती है. जाम की सूचना पर मुफस्सिल थाना पुलिस, लेकिन वहां कोई और नहीं बल्कि मासूम छात्र-छात्राओं को देख कर पुलिस ठिठक गयी. बच्चों को अपने भविष्य के लिए चिंतित देख पुलिस ने सख्ती नहीं की. पुलिस बच्चों के साथ विद्यालय के प्रधानाध्यापक के पास गये. जहां से शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सूचना दिया. सूचना पर सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ मनीष कुमार मौके पर पहुंचे और बच्चों को समझा-बुझा कर शांत कराया. आश्वासन दिया कि आपलोग विद्यालय से सटे गांव के विद्यार्थी है. आपलोगों का यहीं पर नामांकन होगा. इसे लेकर डीइओ को अवगत कराया जायेगा. इसके बाद विद्यार्थियों ने जाम को खत्म किया. करीब दो घंटे बाद जाम खत्म हुआ और लोगों ने राहत की सास ली. क्या है सरकार का निर्देश माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद के पत्रांक 307, दिनांक 20 3.2024 के आदेश के अनुसार प्रत्येक मध्य विद्यालय को पंचायत के अंतर्गत अवस्थित उच्च विद्यालय को अपने यहां से उत्तीर्ण होने वाले आठवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं की सूची सौंपनी है. साथ ही उच्च विद्यालयों को भी यह निर्देश दिया गया है कि दूसरे पंचायत के मध्य विद्यालयों के छात्र-छात्राओं का नामांकन अपने विद्यालय में नहीं करना है. विशेष परिस्थिति में नामांकन के लिए जिले के डीइओ से आदेश लेना अनिवार्य होगा.