अंकित हत्याकांड : मकान मालिक पक्ष की ओर से बार-बार बदला जा रहा बयान

अंकित हत्याकांड : मकान मालिक पक्ष बदला जा रहा बयान

By Prabhat Khabar News Desk | August 27, 2024 11:23 PM

–अब कहा- अस्पताल ले जाने के क्रम में बीच रास्ते में उतरी लड़की –श्राद्ध कर्म समाप्त होने के बाद मंगलवार को भागलपुर पहुंचे मृतक के पिता व अन्य परिजन, पुलिस अधिकारियों से मिले – एसएसपी-सिटी एसपी ने दिया उचित कार्रवाई का आश्वासन, डीएसपी ने दर्ज किया पिता व परिजनों का बयान अंकित की फाइल फोटो (सिटी फोल्डर) संवाददाता, भागलपुर इशाकचक थाना क्षेत्र के पानी टंकी के समीप किराये पर रहनेवाले आइटीआइ छात्र अंकित कुमार (21) की हत्या मामले में श्राद्ध कर्म खत्म होने के बाद मंगलवार को परिजन भागलपुर पहुंचे. उन्होंने एसएसपी-सिटी एसपी सहित सिटी डीएसपी से मुलाकात की. इस दौरान परिजन इशाकचक थाना भी गये. वहां अनुसंधानकर्ता के रिस्पांस से संतुष्ट नहीं हुए. वहीं देर शाम होने की वजह से परिजन डीआइजी से नहीं मिल सके थे. बुधवार को उन्होंने दोबारा भागलपुर आकर डीआइजी से मुलाकात करने की बात कही. विगत 13 अगस्त को देर शाम इशाकचक पानी टंकी के समीप गली में रहनेवाले राजेश वर्मा और बबिता वर्मा के मकान में किराये पर रहने वाले मुंगेर जिला के हवेली खड़गपुर स्थित कौड़िया गांव के निवासी अमित कुमार के पुत्र अंकित कुमार की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गयी थी. मामले में मृतक अंकित के पिता अमित कुमार के लिखित आवेदन पर अज्ञात के विरुद्ध हत्या का केस दर्ज कराया गया था. घटना के बाद कुछ दिन पहले ही मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आयी थी. इसमें अंकित की गला घोंट कर हत्या करने की बात सामने आयी है. अब इस मामले में परिजनों ने मकान मालिक सहित उसे अस्पताल ले जाने वाले उसके दोस्त अमन और साथ में लड़के के साथ आयी लड़की पर संदेह जताया है. भागलपुर पहुंचे अंकित के परिजनों ने बताया कि घटना के दिन से लेकर अब तक मकान मालिक और मालकिन से हुई फोन पर बातचीत में उनके द्वारा दिये गये बयानों में काफी विरोधाभास पाया गया है. उन्होंने संदेह जताया कि मकान मालकिन की ओर से उन लोगों को मामले में कई कॉल रिकॉर्ड शेयर किया गया है. परिजनों ने सवाल उठाया है कि घटना के बाद मकान मालकिन को कॉल रिकॉर्ड करने की बात याद थी पर घटना के बाद उनके द्वारा बताये गये फंदे से लटकने के मामले में न तो उनके द्वारा कोई फोटाे और न ही कोई वीडियो लिया गया. इसके अलावा मकान मालकिन की ओर से बताया गया था कि घटना के बाद उन लोगों को इशाकचक पुलिस को मौके पर बुलाया था. पर जब उन लोगों से पुलिस से बातचीत की तो उन्हें जानकारी दी गयी कि घटना के दिन उन पुलिस को किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गयी थी. घटना के अगले दिन जब परिजन थाना पहुंच तब जाकर पुलिस को इस बात की जानकारी मिली थी. इसके अलावा भी कई बिंदु हैं जिस पर उन लोगों को मकान मालिक और मालकिन पर संदेह है. परिजनों ने बताया कि जब मामले में उन लोगों ने अपने स्तर से पूछताछ और बातचीत की तो उन्हें पता चला कि एक टोटो वाले के मदद से अंकित को उसके दोस्त अमन और उसके साथ आयी लड़की कमरे से निकाल कर अस्पताल लेकर गये थे. पर रास्ते में ही उक्त लड़की टोटो से उतर गयी थी. वहीं अमन ने जब अंकित का फोन उन लोगों को सौंपा तो उसमें से कई डाटा डिलीट पाये गये थे. उक्त सभी बिंदुओं पर उन्होंने सिटी डीएसपी अजय कुमार चौधरी से भी मिल कर अपना बयान दर्ज कराया है. भागलपुर आने के बाद बड़े पापा की तबीयत बिगड़ी मृत अंकित के पिता अमित कुमार ने बताया कि घटना से ठीक एक दिन पहले उनके गिरीडीह स्थित कमरे से मोबाइल चोरी हो गया था. घर से अंकित के बारे में जानकारी देने के लिए उनके पड़ोस में किराये पर रहने वाले छात्रों के मोबाइल पर फोन आया था. उसी वक्त किसी ने उसी घर के पड़ोसी के दूसरे फोन पर कॉल कर उसकी मां को भी जानकारी दे दी. इसके बाद से ही अंकित की मां बेसुध है. उन्होंने बताया कि न तो वह कुछ बोल पा रही है और न ही किसी बात पर प्रतिक्रिया दे पा रही है. जो भी मिलता है उसे बस अंकित को कमाने के लिए भेजने की बात कह रही है. अंकित के पिता ने बताया कि पुलिस अधिकारियों से मिलने के लिए सोमवार रात ही वे लोग भागलपुर पहुंच गये थे. जहां पहुंचते ही अंकित के बड़े पापा पुतुल जी की तबीयत बिगड़ गयी. उन्हें भागलपुर के ही एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. इशाकचक पुलिस की प्रतिक्रिया पर उठाया सवाल अंकित के पिता ने पुलिस अधिकारियों से मिलने के बाद इशाकचक थाना पहुंचे. उन्होंने कांड के अनुसंधानकर्ता से मुलाकात कर मामले में अब तक की गयी जांच की जांच की जानकारी ली. इस पर अनुसंधानकर्ता ने किसी प्रकार के संतोषजनक जांच के बारे में जानकारी नहीं दी. उन्हें कहा गया कि ऐसे ही किसी को उठा कर पूछताछ के लिए नहीं लाया जा सकता है. परिजनों ने बताया कि मामले में जब तक वरीय पुलिस अधिकारियों का हस्तक्षेप नहीं होगा, तब तक मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकेगी.

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